Post of 29 November 2023
कल मेरे पोस्ट पर Parmod Pahwa साहेब ने अशोक कुमार पांडेय का एक विडियो कौमेंट में डाला जिस में पांडेय साहेब ने “साहित्य आजतक 2023” के बहस मे हुऐ तू-तू-मे-मे का जवाब एक शोधकर्ता की तरह किताब से references के साथ पंडित नेहरू के “नाभा” में अकाली दल द्वारा चलाये गुरुद्वारा अंदोलन का साथ देकर जेल जाने की बात कही।पांडेय साहेब का विडियो ज़रूर सूनये भारत का सही इतिहास पता चले गा।
जो लोग पंडित नेहरू को बूरा कहते हैं या उन की सियासत को ग़लत साबित करने पर 75 साल से अपना समय बर्बाद कर रहे हैं, उन को हम आज का बर्मा याद दिला दें जो 75 साल से गृहयुद्ध से जूझ रहा है।नेहरू नहीं होते तो भारत भी आज बर्मा होता और न अपना सैटेलाइट छोड़ता न चॉद पर जाता।
Ashok Kumar Pandey ने विडियो के अंत मे सही कहा कि “अब झूठ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.”
झूठ बोल बोल और दंगा करा भारत की जीडीपी जला जला कर लोगों ने LOC से LAC कर के देश का नक़्शा बदल दिया मगर उस पर कोई बहस “आजतक टीवी” पर नही करता है।कोई इस पर बहस नहीं करता है कि चीन सरकार ने हमारे एक राज्य का नाम बदल कर Zangnan रख दिया मगर हम लोग आनंदमयीए है कि राष्ट्रपति भवन मे “मुग़ल गार्डन” का नाम बदल कर “अमृत उद्यान” कर दिया भारत सरकार ने।
#नोट: दो दिन पहले उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ साहेब ने सही कहा है कि सरकार ने “देश को उस रास्ते पर डाल दिया जिस पर हम सदैव देखना चाहते थे.” मेरा भी यही कहना है कि जो हुआ वह सही हुआ क्योंकि हम यही देखना चाहते थे।यक़ीन मानये अब जो भविष्य का भारत बने गा वह बहुत सुंदर होगा।
इस “साहित्य आजतक” के नाभा पर बहस से हम को एक नई जानकारी यह मिली की मूर्ति रखने की परम्परा सिर्फ़ बाबरी मस्जिद में नहीं थी, यह लोग नाभा शहर के गुरुद्वारा में भी 1924 में मूर्ति रख दिया था जिस से सिख क़ौम ज़्यादा आंदोलित हो गई।