एक हमारे पुराने कांग्रेसी हैं जो मेरे मित्र हैं और जयप्रकाश नारायण का आदोलंन बडे नज़दीक से देखा था और आज भी देश के शुभचिंतक ही हैं। आज के नेताओ के तरह नही हैं जो देशभक्ति का नारा उठते बैठते लगाते हैं मगर कोई काम छ: साल मे देश के लिए अच्छा नही किया।मेरे कांग्रेसी मित्र कहते है उन को समझ मे नही आता है कि हमारे प्रधानमंत्री छ: (6) साल मे विदेश भ्रमण कर और विदेशी मेहमान को घर बोला कर “क्या पाते हैं या क्या खोते हैं”!

बंगलाश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत चार दिन के दौरा पर आई और गई तो कल बहुत दिन बाद बंगलादेश-भारत बोडर पर झड़प हुआ, एक सैनिक मर गया और एक ज़ख़्मी है।

चीन के राष्ट्रपति चिनैय (भारत) आये और वापस नेपाल जा कर बडे भोंडे अन्दाज़ से दुनिया समेत सब को धमका दिया जो हम से उलझे गा उस का हड्डी टुकड़े टुकड़े कर दें गे। कल शायद कशमीर के बोडर पर चीन की फौज आकर मुर्ग़ा और शराब पी कर नृत्य करने लगी।

अमॆरिका मे हाउडी मे रेडिकल्स इस्लामिक आतंकवाद पर ताली ठोका मगर कल तुर्की आतंकी अरदोगान के सामने ट्र्म्प सरेंडर कर गये। आज 311 भारतिय NRC क़ानून के अन्तर्गत Mexico से वापस आगये और अभी तीन चार खेप Mexico/Bolivia से और आये गे।

विदेश के 86 देशो मे सरकारी पर्यटक बन कर घूमे मगर आज तक एक डॉलर FDI नही आया और न माल्या/निरव मोदी या दुसरे भगोड़ा को देश वापस लाये या पैसा वापस लाये।

2015 मे बराक बराक किया और चार दिन भोज खेलाया।मगर आज तक एक भी नुकलुयर बिजली प्लांट नही बना और न भारत अंतरराष्ट्रीय नुकलुयर कमिटी का सदस्य बन सका।

नेपाल जाकर एक सुन्दर संविधान बनाने का प्रवचन दिया मगर वह आज चीन के गोदी मे बैठ कर खेल-कूद रहा है।दार्जिलिंग मॉंग कर अखंड नेपाल बनाने का नारा लगा दिया।

(गाय का नारा समाजवादी का था जब कांग्रेस के अब्दुल गफ़ूर बिहार के मुख्यमंत्री थे जयप्रकाश आंदोलन के समय)