Post of 5th April 2024
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में जनसभा मे कहा, “अरे आप डरते नहीं हैं तो चीन को हमारा बहुत सा भाग क्यों छोड़े? वो अंदर घुसकर आ रहे हैं. आप क्या नींद कर (ले) रहे हो. आप नींद की गोली खाए हो? बीते दिनों चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों को नए नाम दिए हैं.”
खडगे साहेब चीन तो विस्तारवादी May 2020 में हुआ, और आप चार साल बाद खुद नींद की गोली या राजस्थान के खेतों में से अफीम ले जाकर खा कर सोये थे क्या?, जो चार साल बाद यह बात प्रधानमंत्री से पूछ रहे हैं।
खडगे साहेब शर्म किजये, आप के ही पार्टी के 18 ज़बान जान्ने वाले प्रधानमंत्री भारत रत्न नरसिम्हा राव दिसम्बर 1992 मे बाबरी मस्जिद बम से उड़ा कर चीन को अगस्त 1993 मे LOC को LAC बना कर भारत का नक़्शा बदला था और चीन उसी काग़ज़ को सब को देखा कर “आर्थिक और सैन्य शक्ति” बन गया। क्या आप ने भारत रत्न नरसिम्हा राव से यह सवाल पूछा था?
खडगे साहेब चीन 2017 और 2021 से अरूनाचल प्रदेश का नाम-पता बदल कर Zhagnan रख दिया है और अरूनाचल के 25 ज़िला मे 15 का नाम बदल चूका है और इस वर्ष नदी, नाला, पहाड़ का नाम बदल रहा है मगर जब राष्ट्रपति भवन के “मोग़ल गार्डन” और “इलाहाबाद” का नाम बदला गया तो आप चुप क्यों रहे?, और आज सवाल प्रधानमंत्री से चीन के नाम बदलने पर पूछ रहे हैं, शर्म किजये।
खडगे साहेब आप लोगों के अंधे हो गये दिल के कारण आज चीन हर क्षेत्र मे हम से 5 गुना से 7 गुना ज़्यादा आगे है और अब वह अमेरिका से बाबरी में बात करता है, जब कि हम सैयद साहेब (पाकिस्तान) से बराबरी करते हैं।
#नोट: खडगे साहेब, ज़्यादा सवाल नहीं किजये, चीन नाम-पता बदलने का हुनर हम से ही सीखा है।अभी दो मस्जिद और बम से उड़ना है, मंदिर बन्ना है और चीन अब 90,000 वर्ग किलोमीटर का नाम-पता बदल दावा ठोक चूका है।
==========
Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman चीन से हम लोग लड़ कर ज़मीन नही छीन सकते हैं बल्कि कूटनीति (diplomacy) द्वारा ही अपनी ज़मीन बचा सकते हैं। मगर भारत दस साल मे diplomacy में फेल कर गया कोई एशिया या यूरोप का देश मेरे पक्ष में चीन के खिलाफ नहीं बोल रहा है और न भविष्य मे बोले गा। कोई “वहाबी देश” मेरे पक्ष मे नहीं बोल रहा है क्योंकि हम लोगों ने एनआरसी, लांचिंग और मस्जिद बम से उड़ा कर बलंडर कर चुके हैं। अब तो रूस-यूक्रेन का जंग और इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों का मार-काट दुनिया बदल चुका है और अमेरिका चीन के बिना नहीं रह सकता है।