इस दश्त ए जिगरताब की ख़ामोश फ़ज़ा में
फ़ितरत ने फ़क़त रेत के टीले किए तामीर
अहराम की अज़मत से नगूँ सार हैं अफ़लाक
किस हाथ ने खींची अबदियत की यह तस्वीर ! (#इक़बाल)

कहते हैं कि #pyramid बनाने पर सोच विचार चल रहा था तो architects ने रेगिस्तान के फैलाओ को देख कर फ़ैसला किया कि इमारत ऊँची होनी चाहिए, फिर उस ने भुरभुरी रेत पर ध्यान दिया तो महसूस किया कि इमारत को पथरीला भी होना चाहिए। जब रेत की चमक आँखों को चुभने लगी तो उसे ख़्याल आया कि इमारत सूरज की किरणों को प्रतिबिम्बित (reflect) करने के बदले जज़्ब कर ले तो अच्छा हो। हवा चली तो उस ने टीलों के अर्ध वृत (hemi-cycle) बनते हुए देख कर इस इमारत को नोक और कोण देना तय किया … और फिर उस ने सोचा जीवन एल छोटा सा अंतराल है, मौत एक लम्बा पड़ाओ, क्युँ न मौत को एक विशाल और भव्य मकान दे … फिर जब यह मकान बना तो दुनिया ने देखा कि दुनिया के अजूबों में एक और अजूबा जुड़ गया…

वह 7000 साल पहले 700 किलोमीटर दूर से एक करोड़ पत्थर में लाए … प्रत्येक पत्थर का वजन 25 से 80 टन था, यह पत्थर one piece थे और इन्हें पहाड़ से चौड़ाई में काटा गया था…ये पत्थर रेगिस्तान के बीचों बीच 170 मीटर की ऊंचाई तक रखे गए।

प्राचीन #मिस्र के architects ने इसे 7000 साल पहले डिज़ाईन किया था, यह structure चारों तरफ से बंद था लेकिन बंद होने के बावजूद
सूरज की रोशनी भी अंदर आती थी और
अंदर का तापमान भी बाहर के तापमान से कम था।
उन्होंने 7000 साल पहले लाशों के संरक्षण की विधि भी खोज ली थी।

#Giza के #GreatPyramid में 23 लाख बड़े पत्थर हैं लगे हैं।

#Sphinx दुनिया की सबसे बड़ी वन-पीस संरचना है।

ये लोग जानते थे कि शहद दुनिया का एकमात्र भोजन है जो कभी खराब नहीं होता #pyramid से 5000 साल पुराना शहद भी निकला है और यह इस्तेमाल के लायक़ था। 3000 साल पुराना दूध से बना पदार्थ सक़्क़रा के पिरामिड के शहर मे मिला है जो #क़ाहिरा के म्यूज़ियम मे आज भी रखा है।

अद्भुत थे ये लोग और छ: हजार साल से ज्यादा मिस्र के सभ्यता को बना और सँवार कर रखा। प्रजा का बहुत ख़्याल करते थे मगर जब खराबी आई और अहंकार तथा तकब्बुर करने लगे और एक यकता को मान्ने से इनकार किया, अल्लाह को अहंकार पसंद नहीं है इस लिए वह पकड़े गए और इबरत का निशान बना दिए गए।

“फ़िरौन ने कहा, ऐ लोगो, मैं तो अपने सिवा तुम्हारे किसी प्रभु को नहीं जानता। अच्छा तो ऐ हामान, तू मेरे लिए ईंटें आग में पकवा फिर मेरे लिए एक ऊँचा महल बनवा कि मैं मूसा के प्रभु को झांक आऊँ, मैं तो उसे झूठा समझता हूँ।” (#क़ुरान 28:38)

“उस ने और उसकी सेनाओं ने धरती में नाहक़ घमंड किया और समझा कि उन्हें हमारी ओर लौटना नहीं है।” (#क़ुरान 28:39)

“अंततः हम ने उसे और उसकी सेनाओं को पकड़ लिया और गहरे पानी में डाल दिया, अब देख लो कि ज़ालिमों का कैसा परिणाम हुआ।” (#क़ुरान 28:40)

Mozaffar Haque