फ़िलिस्तीन पैग़म्बरो का घर और सरज़मीन रही है। इब्राहिम (Abraham) अलेहिसलाम ने फ़िलिस्तीन की तरफ हिजरत की और अल्लाह ने लूत (Lot) अलेहिसलाम को उस अजाब से नजात दी जो उन के क़ौम पर इस जगह नाज़िल हुआ था।
“बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम بسم اللہ الرحمان الرحیم” आयत सब से पहले सुलेमान (अ० स०) पर इसी शहर मे नाज़िल हुई थी। सुलेमान (आ० सा०) इसी मुल्क मे बैठ कर पुरी दुनिया पर हुकूमत करते थे। पैग़म्बर मुसा (Moses) अलेहिसलाम ने इस मुल्क के बारे मे अपने साथियों को कहा इस मोकदस शहर मे जाने को।
दाऊद (David) अलेहिसलाम के सब से छोटे बेटा पैग़म्बर सुलेमान (Solomon) अलेहिसलाम थे इसी ज़मीन पर बसे और संयुक्त बनी-इस्राईल के साम्राज्य के वारिस बने।
इसी शहर मे जकरिया (Zechariah) अलेहिसलाम का मेहराब है और इसी शहर मे पाक-औरत मरियम (Mary) के पेट से ईसा (Jesus) अलेहिसलाम का जन्म हुआ और इसी शहर से अल्लाह ने उनको उठा लिया जब लोगो ने उन को क़त्ल करना चाहा।
दुनिया की पहली मस्जिद, मस्जिद-हराम (खाने-क़ाबा), मक्का है।दूसरी मस्जिद-अकसा, जेरूसलम है और दोनो मे 40 साल का फ़ासला है और तीसरी मस्जिद-नबवी, मदीना है।
और मोहम्मद सल्लाह व सल्लम इसी शहर से मेराज के लिय गये थे।
(21वी सदी मे अमेरिका के वैश्विक-शक्ति के पतन के मुख्य कारण मे मिडिल ईस्ट ख़ासकर फ़िलिस्तीन का नाम इतिहास मे हमेशा लिखा जाये गा, भले ही अभी दुनिया या अमेरिका माने या नही माने।ब्रितानी साम्राज्य का जवाल मिडिल ईस्ट और फ़िलिस्तीन से 1910 से शुरू हुआ था)