आज सऊदी अरब के ऊर्जा मन्त्री ने कहा है कि रूस के राष्ट्रपति पुटीन अक्टूबर मे रेयाद का दौरा करे गे। वह 2007 मे रूस के पहले राष्ट्रपति है जो सऊदी अरब आये थे और शाह सलमान पहले सऊदी राष्ट्राध्यक्ष थे जो 2017 में रूस गये थे।
यह बहुत लोगो को नही मालूम होगा कि रूस 1900 से आले सऊद से दोस्ती करने की कोशिश करता रहा और 1920-1938 तक सऊदी अरब का सब से अच्छा दोस्त रूस था। रूस पहला देश था जिस ने शाह सलमान के पिता शाह अबदुल अज़ीज अल सऊद के शासन को 1926 मे माना था जब लंदन अब्दुल अज़ीज़ को शक के नजर से देखता था।
रूस के करीम खाकिमोख जो बोल्शेविक रिवोलूशन के बाद 1924 से रेयाद मे राजदूत थे उनहोने दोस्ती की ऐसी गाँठ बाँधी के उन की डाक्टर बीवी रूस से दवा लाकर मक्का मे हाजी लोगो का ऐलाज करती थी। बादशाह के साथ करीम ऊमरा करते थे।रूस से केरासन तेल आता था तो बादशाह के महल और मक्का-मदीना मे चिराग जलता था।
मगर स्टैलिन के कम्यूनिसट शासन के मज़बूती और पागल पन ने जनवरी 1938 मे करीम को फॉसी दे दिया और नया राजदूत जद्दा मे भेजा मगर बादशाह ने रूस की ऐम्बैसी बन्द कर दिया।
एप्रिल 1938 मे अमेरिका ने “दहरान” मे दुनिया का सब से बडा तेल का ज़ख़ीरा खोजा और फिर शाह अब्दुल अज़ीज़ ने अमेरिकी राष्ट्रपति फ़्रैंकलिन रूज़वेल्ट से अक्टूबर 1938 मे जो समझौता किया वह आज तक चल रहा है।
उस के बाद रूस के स्टैलिन ने बहुत कोशिश की सऊदी अरब से दोस्ती की मगर नही हुआ। फिर 54 साल के बाद 1992 मे रूस के टूटने के बाद रेयाद मे रूस का दूतावास खुला।