23rd June 2022 Post
आज 2009 मे बने ब्रिक्स समूह का 14 वॉ सम्मलेन समाप्त हुआ।इस समूह का कोई हेडक्वाटर नही है मगर 2015 मे डा० मनमोहन सिंह के सलाह पर एक इंफ़्रास्ट्रक्चर बैंक New Development Bank (NDB) बना जो गरीब मूल्कों को कम दर पर लोन देता है।
ब्रिक्स मे अभी पॉच देश हैं जो दुनिया की कुल $94 trillion के अर्थव्यवस्था का पॉचवॉ हिस्सा है।2009 मे चीन की अर्थव्यवस्था $5.6 trillion और भारत की $1.32 trillion थी।आज चीन की अर्थव्यवस्था $16.86 trillion है, भारत की $2.95 trillion, रूस और ब्राज़ील की $1.65 trillion तथा साऊथ अफ्रिका की $500 billion है।
आज दूनिया के दस बडे बंदरगाह मे सात बडा बंदरगाह चीन मे है।अमेरिका के लौस एन्जेलस बंदरगाह मे 76 बर्थ है जब की चीन के Guangzhou मे 217 बर्थ है।
आज चीन ने दुनिया का सब से बडा समान ढोने वाला container ship बना कर पानी मे उतारा है जो 24,000 कंटेनर लेकर एशिया और यूरोप जाये गा।यह जहाज तीन फूटबौल मैदान से बडा है और अगले चार साल मे चीन आठ (8) ऐसा बडा जहाज़ (Mega Ship) पानी मे उतारे गा।अब हम-आप सोंच सकते हैं कि समुंदर पर चीन ने कैसे क़ाबू कर लिया।
राष्ट्रपति शी जिंपिंग ने BRICS+ बनाने की घोषणा किया है जिस मे अर्जेंटीना का सदस्य बनना निश्चित है।भविष्य मे तुर्की, मिस्र, सऊदी अरब, ईरान के सदस्य बनने की संभावना है।
#नोट: इस पोस्ट को दो तीन बार पढये और सत्यापन किजये।
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Some comments on the Post.
Imran Qureshi अब तक आपके द्वारा लिखी हुई पोस्ट मैं सबसे ज्यादा चौका देने वाली और हैरान कर देने वाली पोस्ट है लेकिन उतनी ही शानदार भी है जितनी बार पढ़ो कुछ न कुछ हर बार नई बात समझ में आती है कम से कम 6 बार पढ़ चुका हूं और हर बार कुछ नया सीखने को मिल रहा है.
Abdul Bari Who rules the waves rules the world . China इस पर बहुत तेजी से काम कर रहा था और कर भी रहा है और यह उसी का नतीजा है जिसे हम अब देख रहे है ।
आज क्वाड का पहला दिन जिसमे प्रेसीडेंट पुतिन ने बहुत तल्ख लहजा अख्तियार किया था। उनके बाइट्स का लब्बोलुबाब यह था कि हमे डॉलर के मुकाबले अपनी नई business policy बनानी चाहिए क्युकी वेस्ट कभी भी नही चाहेगा कि कोई भी देश आगे बढ़े अगर आप उनके मफाद के बीच में आ रहे तो सेंशन के लिए तैयार रहे। इन सबके बीच हम बहुत बच बचा के चल रहे है । अभी तक हम न चीन और न ही अमेरिका का नाम लिया । कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर नजर रहेगी क्या वहा भी हम अमेरिका का नाम नहीं लेगे.
Shalini Rai Rajput रूस और चीन अमेरिका के लिए घातक गठबंधन सिद्ध हुआ है। अब ब्रिक्स + अपार संभावनाएं लिए हुए विश्व को नई दिशा देने के लिए सामने आ रहा है।समय की चाल को रोकना किसी के बस की बात नहीं है। अमेरिका के लिए भी नहीं।
- Mohammed Seemab Zaman बहुत सही लिखा है अब अमेरिका या किसी दूसरे के लिए भी समय की चाल को रोकना बस की बात नहीं है। गौर किया है अमेरिका के विदेशमंत्री ब्लिंकन एक महीना से कही नज़र नही आये हैं।
Rafiq Kamran समुद्र गया भाड़ में हमने बाबरी पर कब्ज़ा कर लिया अब ज्ञान वापी फिर ईदगाह उसके बाद लगभग बीस हज़ार और।
अल्लाह ही रहम करे बाक़ी तो कूदने को तय्यार है सब कुएँ में।
Nooruedeen Shaikh याने ऐक ही वेसल्स मे 600000000मेट्रीक टन माल का वहन आप कर शकते है और उसके लिए बर्थ डीपनेश कितनी मजबूत चाहिए चाईना के डेवलपमेंट को क्या उसके वेस्ट क्लीयर सिस्टम तक नही पहुंच पाएगा नजदीक के वक्त मे हुजूर।
- Mohammed Seemab Zaman बिल्कुल सही लिखा है नज़दीक के वक्त अगले पचास साल वेस्ट नही पहुँच पाये गा, उस के लिए बंदरगाह के बर्थ का डीप होना भी गौर करने की बाद है। बहुत कम बंरगाह होगा जहॉ यह जहाज डौक कर पाये गा।
- Nooruedeen Shaikh Mohammed Seemab Zaman यहा हमारे पोर्ट पे पचास हजार टनसे ज्यादा के वेसल्स को लगने मे दीककते आतीहै आपकी बेह्तरीन पोस्ट सर ये बिजनेस बे के लीये.
- Mohammed Seemab Zaman, Nooruedeen Shaikh साहेब, इसी से तो लिखा है इस पोस्ट को दो-तीन बार पढ़िये।
Firoj Pathan Headline में गौर करे तो और भी चौंकाने वाला सच सामने होगा।
Mozaffar Haque 1938 की बात है पंडित जवाहर लाल नेहरू लाहौर में थे तो इक़बाल से मिलने उनके घर “जावेद मंज़िल “ भी गए. बहुत सारी बातें हुईं. इस मुलाक़ात का ज़िक्र पंडित जी ने अपने “डिस्कव्री ऑफ़ इंडिया” में भी किया है. बात चीत के दौरान जब देश में हिंदु -मुस्लिम तनाव का ज़िक्र हुआ तो इक़बाल ने पंडित जी से कहा था कि West Asia असल में Muslim Asia है और आने वाले समय की global politics में इस ख़ित्ते की अहमियत बहुत बढ़ जाएगी, लिहाज़ा अगर subcontinent में हिंदुओं ने मुसलमानों से अच्छा व्यवहार नहीं किया तो West Asia के मुस्लिम देशों के साथ देश के relations ख़राब हो जाएँगे.
- Mohammed Seemab Zaman, Mozaffar Haque साहेब, आप के कौमेंट ने तो इस पोस्ट को और यादगार बना दिया। देखये बूद्धिजीवी दोनो थे पंडित नेहरू और इक़बाल। आप को याद होगा 1935 मे पहला organised दंगा भारत मे बिहार के भागलपुर मे हुआ था जब वहॉ शहाब साहेब ICS DM थे। उन की किताब मे लिखा है। इक़बाल ने नेहरू को सही कहा क्योकि बहुत से लोग 1923 और बोलशोविक क्रांति के बाद भारत मे समझने लगे थे कि Muslim का ज़वाल हो गया।मेरा पोस्ट याद है न “India lost Middle East in 2022, like Moscow lost Riyadh in 1939” इस को सेव कर के रख लिजये गा।
- Mozaffar Haque, Mohammed Seemab Zaman भाई, अच्छी तरह याद है आपका वोह पोस्ट भी और में लिखी बातें भी… भागलपुर दंगे का ज़िक्र शहाब साहब ने अपनी किताब शहाबनामा में किया है.
Parmod Pahwa सबने आर्थिक मुद्दों पर बात की लेकिन हम आबड़ा का दाबडा करते रहे. सऊदी अरब वग़ैरह के साथ आते ही हमें और किनारे कर दिया जाएगा. क्योंकि कल भी हमारे डेपलोमेट अमेरिका का नाम ना लिया जाए इसी पर मेहनत करते रहे. अगली मीटिंग डबल आई डबल यू की होनी है उसमे देखते है हमारा कमीशन हमें uae वापिस देता है या नूपुर के नाम पर हज़म कर जाता है.
- Mohammed Seemab Zaman हम ने तो कोरोना पर ही बात किया। अग्निवीर आंदोलन के बाद तो अब हालत यह हो जाये गी कि यूरोप और अमेरिका भी हम को छोड दे गा। अब तो हाल यह हो जाये गा कि “न खुदा ही मिला न विसाले सन्म”
म एम हयात Brics plus में इंडोनेशिया, मलेशिया, पाकिस्तान को शामिल करने की भी बात चल रही थी.
Saif Bin Sultan रूस ओर चीन के गठजोड़ ने अमेरिका की नीव को हिला कर रख दिया है. जितनी तेजी से चीन समुंद्र में राज कर रहा है उतनी ही तेजी से वह एक दिन दुनिया पे राज करेगा.
Sardar Ahmed मुझे तो बात एक बार में ही समझ आ गई हैं कि चीन विश्व गुरु बन चुका हैं। यहां तो सिर्फ़ हिंदू मुस्लिम हीं चलता रहेगा। और चीन बाज़ी मार गया है।चीन के साथ पाकिस्तान बंगलादेश भी विश्व गुरु के चेले चपाटो में गिने जाने वाले हैं।
Sardar Ahmed पच्चीस साल पहले दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में प्रदूषण के नाम पर जो लघु उद्योग छोटे कारखाने सील किए गए थे आज उनका हीं खमियाजा भुगतना पड़ रहा हैं कि देश चीन के रहमो करम पर चल रहा हैं।