FB Post of 28th December 2019

कल Parmod Pahwa साहेब ने लिखा “कभी अपने चुनावी भाषणों में माई फ्रेंड बराक ओबामा कहता था कि अमेरिका को भारत और चीन से न केवल चुनौती है अपितु खतरा भी है।हनुमानजी की मूर्ति जेब में दिखाकर और चाय गरम करके महामूर्ख को वज्रमूर्ख बना गया। लेकिन अर्धविकसित वानर मण्डल को अभी भी समझ नहीं अाई होगी कि ये भारत के साथ क्या खेल हुआ था”

#यह बात हम 26 जनवरी 2015 के बराक-बराक के हो हल्ला के समय से कह रहे हैं, ओबामा ने भारत को बरबाद कर दिया। अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को चुनाव जिता कर ट्रेवल बैन हटाया और लोगो ने समझा वेस्ट और अमेरिका ने मोदी जी मे एक “परोमिसिंग नेता” देखा है। भारत के बुद्धजीवियो को समझ मे नही आया के “ISIS” का “पूरक बीजेपी सरकार” बनाया गया है। उधर सिरिया और मिडिल ईस्ट को ISIS बरबाद करे गा और संघ की सरकार “हिन्दुत्वा” का नारा दे गी और पूरा एशिया अगले पचास साल बरबाद रहे गा।

मोदी सरकार को लाने की वही साज़िश थी कि जिस तरह से अदवाणी को खड़ा कर 1990 मे रूस के टूटने के बाद बाबरी तोड़ कर “राम जी” के नाम पर widespread दंगा फैला कर भारत को बरबाद किया। वेस्ट/ अमेरिका कभी नही चाहता है 1.2 बिलियन वाला भारत कभी आर्थिक/सैनिक पावर बने। चीन के आर्थिक उदय से यह लोग बहुत दहशत मे हैरान और परिशान है।

#तुर्की के अरदोगान ने अमेरिका मे सिरिया की लड़ाई को 2015-2019 तक अपने पक्ष मे कर लिया और अमेरिका/वेस्ट के साज़िश को नाकामयाब कर दिया। पुटीन-अरदोगान-रूहानी मे बहुत मतभेद था आपस मे मगर सब को मेल-जोल कर अपने को एक अंतरराष्ट्रीय नेता और अपने देश को सौ साल के बाद फिर एक पहचान दे दी। 2019 को अरदोगान का साल कहा जा रहा है। ट्र्म्प को अपना दोस्त बनाया और 40 साल से कुर्द की आतंक को ख़त्म करवाया, नेटो मे ताक़तवर नेता बन कर रूस से S400 ख़रीदा। सेंट्रल एशिया और अफ्रीका के देशो मे तुर्की का प्रभाव और प्रतिष्ठा चीन से ज्यादा बनाया। अब लिबिया मे फौज भेज कर वहॉ से फ्रान्स और ईटली को बाहर निकाल कर शांति बहाल करने के लिये कूद पडा।

#कहा जा रहा है 2020 रूस के पुटिन का साल होगा। वह तुर्की-ईरान-मिडिल ईस्ट के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहयोग से पूरे ऐशिया और पश्चिम अफ्रीका मे अपना प्रभाव चीन से ज्यादा बढ़ा लेंगे। आज रूस ने ध्वनि के गति (speed of sound) से 27 गुणा ज्यादा तेज़ उड़ने वाला “हाईपर सोनिक” हथियार तैनात किया है। कहा है अगले बीस साल रूस का कोई देश मोकाबला नही कर सकता है।