“तीन कृषि बिल” लाकर सरकार ने भारत के Agriculture Profession को ज़िंदा कर दिया।

भारत मे आजादी के 30 साल बाद तक कृषि पर सरकार ने ध्यान नही दिया और जब 1967 का सूखा पडा तो सरकार ने “बाज़ार समिती” का गढ़न कर बनिया और अढतिया से किसान को बचाया। 1967 मे हम लोगो को PL-480 का अनाज अमेरिका से लेकर ख़ैरात खाना पडा तो सरकार ने green & white revolution किया और 20 कृषि-उत्पाद (agriculture produce) को MSP देना शुरू किया और देश अनाज और दूध मे आत्मनिर्भर हो गये।

भारत को कृषि और दूध मे आत्मनिर्भर पंजाब के किसानों ने बनाया। आज भी पूरे भारत मे अकेले पंजाब का किसान पूरे देश का 40% अनाज (Creal) पैदा करता है। दूसरे राज्य जो पैदा करते हैं वह उन के लिये ही काफी नही होता है। कुछ राज्य मकई, प्याज, टमाटर पैदा करते हैं मगर उन को अच्छा दाम नही मिलता है।कृषि को डा० मनमोहन सिंह ने “Food Security Bill” लाकर किसान का महत्व बताया।

बीजेपी सरकार चूकि “सुपारी कौंट्रेक्ट” लेकर 70 साल मे पहली बार सत्ता मे आई तो वह सब काम करने लगी जिस का वह सुपारी ले कर आई थी और फ़ूड सेक्यूरीटी को ख़त्म कर अम्बानी और अदानी बनिया लोगो का 1967 के पहले का जमाना लौटा दिया।

इस सरकार मे पढे लिखे और दुनिया देखे लोग नही हैं मगर इस सरकार को पता है देश 80% तेल और गैस के लिये मुस्लिम देश पर निर्भर है। हमारे पास दस दिन का तेल होता है और दस दिन का लडाई का सामान है मगर कशमीर का 370 हटा दिया और चीन को तीसरी बार भारत (गलवान) मे बोला लिया और कशमीर देश के लिये “भटकती आत्मा” हो गया।

जब चीन करोना कालखंड मे मई 2020 मे गलवान मे आ गया था तो “तीन कृषि बिल” जुलाई मे औरडिनेस से लाने और सितंबर मे बिल संसद से पास कराने की क्या ज़रूरत थी?

यह बिल बीजेपी सरकार और भविष्य के सरकार के लिये एक नासूर (ज़ख़्म) साबित होगा।