दि इकोनॉमिस्ट, लंदन ने सौ साल (1920-2020) के तेल के दाम का चार्ट दिया है और हर महत्वपूर्ण साल को देखाया है। हम ने बहुत पहले लिखा था मेरी सारी बात को भूल जाये मगर एक बात याद रखे कि दुनिया मे मुस्लिम के बरबादी का कट-ऑफ साल 1876 से शुरू हुआ जो 1923 मे सलतन्ते उसमानिया के साथ ख़त्म हुआ और सारा मूल्क यूरोप और रूस ने बंदर बॉट कर लिया। इतना पैसा किसी के पास नही था जो कोई कुछ कर सकता। फिर अप्रैल 1973 मे अरब-इस्राईल लड़ाई हुई, और हालात बदले।
#1973 मे शाह फ़ैसल ने अरब-इस्राईल लड़ाई के दौरान तेल यूरोप/अमेरिका को बंद कर दिया और दुनिया मे हाहाकार मच गया दाम 400 गुणा बढ गया, AOPEC की आफिस नयूयोर्क से दममाम आ गया और सऊदी, ईरान, कुवैत, नाईजेरिया मे तरक्की शुरू हुई।
#1976 मे शाह फ़ैसल को मार दिया गया तो तेल का दाम तीन साल 1979 इरान इस्लामिक क्रांति तक नही बढ़ा। 1980 के इरान-इराक़ वार से तेल का दाम 1989 मे रूस के टूटने तक गिरता रहा।1992 मे नरसिमहा राव और संघीतकारो ने बाबरी मस्जिद गिरा दिया और अरब से सबसिडाईज्ड तेल मिलना बंद हो गया। भारत खुले बाज़ार से $30 पर तेल ख़रीदता रहा और डॉ मनमोहन सिंह का उदारीकरण भारत को चीन नही बना सका।
#2000 मे अमेरिका का टावर गिरा तो तेल का दाम बढ़ते बढ़ते 2008 मे $120 हो गया। चीन 2000-2008 तक स्स्ता सामान बना-बेच कर दुनिया का “मैन्यूफ़ैक्चरिंग हब” हो गया और हम लोग यहॉ 1997-2004 तक पाकिस्तान, कशमीर, गाय, मंदिर करते रह गये।
#2008 की मंदी आया तेल का दाम गिरा तो दुनिया/भारत कुछ सँभला। 2012 मे बराक ओबामा ने मुस्लिम देश को बरबाद करने के लिये “अरब स्प्रिंग” किया और 2014 में मोदी जी को बैठा दिया। उस के बाद के भारत की आर्थीक बदहाली, गाय, 370, NRC, कोरोनामिडिया तो सब लोग भूगत ही रहा है।
#आज की खबर है कि सऊदी अरब तेल का दाम गिरा कर यूरोप के चार बडे तेल कम्पनी France’s Total, Italy’s Eni, Dutch’s Shell, Norway’s Equinor मे $1 billion का शेयर ख़रीद लिया है। जापान के Soft Bank मे $50 billion निवेश किया है। चीन ने दुनिया के चार बैंक का शेयर ख़रीदा है, जिस मे HDFC Bank भी है।