24 August 2021

आम आदमी पार्टी के केजरीवाल अपने शिक्षा मंत्री सिसोदिया के दिल्ली म्युनिस्पल कोरपोरेशन के स्कूल को रंग रौग़न कर सुधार लाने पर सिसोदिया के लिय “भारत रत्न” की मॉग कर रहे हैं जबकि मौलाना आज़ाद जिन्होने IIT/IIM/UGC वगैरह खोला फिर भी उन को उन के जिंदगी मे भारत रत्न नही मिला।

अगर मौलाना आज़ाद 1951 मे IIT नही खोलते तो आज केजरीवाल किसी कपडा की दुकान के गद्दी पर बैठ कर लाल बही-खाता लिखते रहते।

#मौलाना आज़ाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री (1947-58) बने, 11 साल मे भारत के स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा को नया आयाम दिया जो आज तक भारत उन का एहसान मंद है।

आजाद ने University Education Commission और Secondary Education Commission बहाल कर पूरे भारत में स्कूल और कॉलेज का जाल बिछा दिया।भारत के अधिकतर सरकारी कॉलेज इन्ही के दौर में बना।

#फ़्री प्राइमरी स्कूल को नया रूप दिया, बच्चों के लिए तालीम कंपलसरी किया लड़कियों और ग़रीब बच्चों के लिए अलग स्कीम निकाला ताकि वो पढ़ सकें।Adult literacy (वयस्क साक्षरता) की बूनयाद डाली।

#देश मे पॉच IIT की योजना बनाई और भारत के भविष्य का सुंदर सपना देखा।1951 मे पहला IIT, Kharagpur में खोला।विश्वविधालय के लिए 1953 में University Grants Commission (UGC) बनाया। IISc, Bangalore में Department of Technology खोला।कलकत्ता मे IIM खुला।

#भारत मे 1950 मे ICCR की बुनियाद डाली और 1954 मे National Gallery of Modern Art (NGMA) बनवाया।1956 मे दिल्ली मे UNESCO Conference की अध्यक्षता किया।

#साहित्य अकेडमी, दिल्ली मे 1954 मे खोला जो आज 24 भारतीय जबान मे “भाषा सम्मान” और अध्येतावृति (फ़ेलोशिप) देती है।कितना लिखा जाये, बहुत लम्बी लिस्ट है।

#1920 मे Jamia Millia Islamia डा० ज़ाकिर हुसैन (अर्थशासत्री तथा शिक्षाविद) के साथ मिल कर बिना अंग्रेज़ों के सहयोग के खोला, जो आज #JMI University के नाम से दिल्ली मे हैं जहॉ के छात्रो का स्वतंत्रता संग्राम मे बहुत बडा योगदान रहा।

अबूल कलाम आज़ाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था के लिए जो काम किया, उसका दूसरा कोई उदाहरण अब तक भारत के इतिहास मे नही मिलता है, मगर उन को मरणोपरांत “भारत रत्न” नरसिमहा राव ने 1992 मे दिया जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1955 मे खुद भारत रत्न पुरस्कार ले लिया।
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