Post of 7th October 2023
कल 6 अक्टूबर को 50 साल हो गया “योम किपुर” लडाई को जिस के बाद 1878 के बाद मुस्लिम दुनिया फिर विकास करने लगी।इस लडाई को ‘अरब-इस्राईल जंग’ या ‘रमज़ान जंग’ के नाम से भी याद किया जाता है।
मोहम्मद बदिउज़्ज़मॉ साहेब अपनी किताब “इक़बाल की जोग़राफीयाई और शक्सीयत से मंसूब इस्तलाह” मे लिखते हैं कि, 1878 Berlin Conference मे यूरोप की साम्राजी ताक़तों ने मुस्लिम दुनिया का बंदर बांट शुरू किया था जो 1948 इस्राईल के बन्ने तक चला।
ज़मॉ साहेब लिखते हैं, 1878 आलमी तारीख खास कर यूरोप की तारीख मे एक “Cut off date” की हैसियत रखता है, इस लिए केह यह साल अगले सौ-डेढ सौ साल तक यूरोप “मिडिल ईस्ट और अफ्रिका के मुस्लिम म्मालिक” के इसतहसाल (exploitation) के लिए अहमियत का हामिल है।इसी साल 1878 मे Bosnia and Herzegovina को Austria का हिस्सा बना दिया जो 1918 तक रहा, जो 1990-91 मे सोवियत संघ और Yugoslavia के टूटने के बाद लाखो मुस्लिम के कत्ल आम के बाद 1995 मे आज़ाद मूल्क बना……
6 अक्टूबर 1973 की जंग अरब देश जीत रहे थे फिर अमेरिका ने इस्राईल को फौज और हवाई जहाज भेजा और अरब देश मिस्र, जोर्डन, इराक़, सऊदी अरब बूरी तरह हार गये। इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भुट्टो सऊदी अरब गये और शाह फैसल को convince कर यूरोप और अमेरिका पर Oil Embargo लगवाय और 25 अक्टूबर 1973 को लडाई बंद हुई।
यह Oil Embargo मार्च 1974 तक रहा, तेल का दाम 378 times बढ गया, यूरोप और अमेरिका की तरक्की 15 साल पिछे हो गई, मुस्लिम दुनिया सौ साल बाद फिर से उभरने लगी।
बढे तेल की मार के बावजूद, भारत मे इंदिरा गॉधी के खिलाफ आंदोलन हुआ, नये नये नेता पैदा हुऐ, 1977 मे जनता पार्टी की सरकार बनी, अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने तो पूरे अरब दुनिया घूमे और वापसी पर भारत आकर हर राज्य मे Passport Office खोल दिया और केरल तथा दूसरे राज्य के लोग अरब देश जाकर नौकरी कर ‘विदेशी-मुद्रा’ लाये और भारत को अरब देशो ने ग़रीबी से बचाया।
बाकी तो कल हम तेल मंत्री सरदार हरदीप सिंह पुरी के साक्षात्कार के पोस्ट पर नरसिम्हा राव, बाबरी मस्जिद, सब्सीडाईज़ तेल का बंद होना, अमृत काल मे 80 करोड को 5 किलो अनाज दे कर विश्वगुरू का सपना देखाना लिख ही चूके हैं।