Post of 31-12-2022
इस सदी मे साल 2022 ने दुनिया बदल दी।जिन नौजवानों ने यह साल देखा है, उन की पूरी जिंदगी इस साल को याद रखे गी क्योकि यह साल सौ साल से चली आ रही दुनिया के जिओपौलिटिक्स को बदल कर रख दिया।
इस साल रूस ने यूक्रेन पर हमला कर यूरोप और अमेरिका के मीडिल ईस्ट, अफ्रिका और फलस्तीन के मार-काट को यूरोप मे लाकर वापस लौटा दिया।वेस्टर्न पावर्स के लिए यह साल बहुत ही खराब साबित हुआ।
कल पुटिन और शी जिनपिंग ने वर्चुअल बात किया और पुटिन ने शी को कहा ” We are expecting you, dear Mr Chairman, dear friend we are expecting you next spring on a state visit to Moscow.”
कोरोना के तीन साल बाद 8 जनवरी 2023 से चीन अपने मूल्क के अर्थव्यवस्था को पहले की तरह पूरी तरह नौरमल घोषित करने जा रहा है और आयात-निर्यात तथा लौजिसटिक पर सारे प्रतिबंध को ख़त्म करने जा रहा है।यानि ट्रम्प और कोरोना के बाद चीन 2023 फिर नौरमल हो जाये गा।
चीन अब रूस का 60% तेल और गैस पाइपलाईन से खरीद रहा है, अगर अमेरिका साऊथ चाईना समुंदर मे शांति भंग करता है तो चीन उर्जा संकट मे नही फँसे गा।
कल अमेरिका ने चीन को रूस से नज़दीकी पर धमकी दिया है मगर अब इस तरह की धमकी का असर चीन पर नही पडने वाला है क्योकि 9 दिसम्बर 2022 को शी जिनपिंग अपने चार दिन के दौरा पर सऊदी अरब मे 22 अरब देशो के प्रमुख तथा GCC के राष्ट्र अध्यक्ष से मिल कर दोस्ती के नये अध्याय की शरूआत कर चूके है।
चीन और रूस की “no limits” strategic दोस्ती अमेरिका और भारत के लिए अच्छा शगुन नही है, मगर मीडिल ईस्ट, तुर्की, इंडोनेशिया वगैरह Middle Powers के लिए आने वाला साल बहुत अच्छा होगा।इस को इक़बाल के नज़म “مصلحیں مشرق” के एक शेर पर ख़त्म करते हैं,
نئ بجلی کہاں ان بادلوں کے جیب و دامن میں
پرانی بجلیوں سے بھی ھے جن کی آستیں خالی
इक़बाल का यह शेर “सामरी” के इस्तलाह के शेर का एक बंद है। इकबाल ने एक दो शेर मे “जादु-ए- सामरी” को हकूमत ब्रतानिया के लिए “मलूकियत” के मानी मे लाते हुऐ भी कहा है। पहला मिसरा हम ने नही लिखा है, मगर दूसरा लिख दिया है,
“नई बिजली कहॉ इन बादलों के जेब व दामन मे
पुरानी बिजलियों से भी है जिन की ऑस्तीन ख़ाली”