आर्केलोजिस्ट ने इंडोनेशिया के सूलावेसी राज्य के पहाड मे 7,000 साल पहले मरी औरत का कंकाल खोज निकाला है।इघर एक साल से जर्मन आर्केलोजिस्ट लोगो ने अफ्रिका से अरब प्रायद्वीप होते हुऐ मानव जाति के एशिया, भारत और यूरोप पलायन का रिसर्च कर के तो दुनिया मे पूराने “पलायन थ्योरी” को ख़त्म कर ही दिया और अब इंडोनेशिया के शोध ने दूसरा धमाका कर दिया।
भगवान की लिला देखये पुरातत्त्ववेत्ता ने इस औरत का नाम बेसी (Besse) रखा है जो मिस्र और सूडान के हजारो साल पूराने भगवान बेस (God Bess) से मिलता जुलता है (नीचे तस्वीर देखें)
इंडोनेशिया मे भारत मे 1650 मे मोगल शासक के समय लिखी रामायण के लोक-कथा की चर्चा और नाटक हम लोग को सूना कर भारतीय सभ्यता के सब से प्राचीन होने की बात दिमाग मे बैठाया जाता है मगर आज तक सिंधु घाटी की सभ्यता ही मेरी पूरानी सभ्यता मिलती है।
———
पिछले साल जापान के आर्केलोजिस्ट/ पुरातत्त्ववेत्ता लोगो ने 12,000 साल पहले एक औरत और कुत्ते के साथ कंकाल फलस्तीन मे खोज निकाला था।नीचे तस्वीर है जिस को जापान NHK टीवी ने एक साल पहले देखाया था और हम ने तसवीर ले लिया था।
हमारे आदरणीय विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक और धारा प्रवाह हिन्दी वाचक कहते हैं कि हम लोगो की सभ्यता 40,000 साल पुरानी है मगर आज तक हमारे भारत मे कुत्ता या औरत का कंकाल या पूरानी मूर्ती खोज कर हम लोगो को नही देखाया।भगवान शिव जी की मूर्ती या राम रोड, रामा या सीता का नाम भी मिस्र और अरब के सभ्यता मे आज भी मिलता है।
अब जरूरत है हम लोग इंडोनेशिया और अरब के शोध और मिस्र के पिरामिड से जानकारी और तथ्य प्राप्त कर सौ साल के नारा बाज़ी को बंद करें और एक सुंदर भारतीय समाज बनायें।