Post of 13th September 2023

हम तीन दिन से सऊदी अरब पर पोस्ट कर रहे हैं और यह उस सीरीज़ का आख़री पोस्ट है।

*जब भारत मे बाबरी मस्जिद का दंगा उरूज पर था तो चीन के प्रधानमंत्री ली पेंग (Li Peng) ने 1991 मे पहली बार सऊदी अरब का दौरा किया और सऊदी-चीन संबंध की शुरूआत किया।

*1998 मे जब चीन के राष्ट्रपति जियॉग ज़ेमिन थे तो पहली बार सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस अब्दुल्लाह ने चीन और हांगकांग की यात्रा किया और प्रो एशिया “Look East” (लुक ईस्ट) ट्रेड की नीति का आग़ाज़ किया।

क्राउन प्रिंस अब्दुल्लाह का 1998 चीन का दौरा दुनिया और अरब देशों मे बहुत गहरी नज़र से देखा गया क्योंकि अबदूल्लाह प्रो सऊदी टिपकल बद्दु अनेज़ी ट्राइब के समझे जाते थे मगर वह अपने चीन के दौरा पर सूट और पैंट-शर्ट में देखे गये।सऊदी अरब में मिस्री तथा दूसरे अरब लोगों ने इस को मज़ाक़ बना दिया मगर हम ने उन लोगों को समझाया कि अबदूल्लाह दुनिया को देखा रहे हैं कि हम बद्दु नहीं है, हम चीन के साथ मिल कर सऊदी को एक नई तरक़्क़ी देना चाहते हैं।

2005 मे अबदूल्लाह शाह फ़हद के इंतक़ाल के बाद बादशाह बने तो सऊदी अरब के वह पहले बादशाह हुए जो 2006 मे चीन का दौरा किया।उस समय चीन के राष्ट्रपति हु जिंटाओ थे, जिन्होंने उन का भव्य स्वागत किया।पहली बार 2009 मे सऊदी अरब का आधा तेल चीन को निर्यात होने लगा और दोनों का संबंध दोस्ती में बदलने लगा।

*2009 मे चीन के राष्ट्रपति हु जिंटाओ, 2012 में प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ, 2016 और 2022 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सऊदी अरब का दौरा किया।

*2006 मे किंग अबदूल्लाह के चीन दौरा के बाद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 2014, 2016 और 2019 मे तीन बार चीन गये।शाह सलमान ने 2017 मे चीन का दौरा किया।

किंग अबदूल्लाह की प्रो एशिया नीति ने भारत से अच्छे संबंध को भी बनाना चाहा।भारत के प्रधानमंत्री डा॰ मनमोहन सिंह ने उन को 2006 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर “मुख्य अतिथि” बना कर बोलाया।मगर 2008 मे ओबामा का अमेरिका का राष्ट्रपति बन्ना और 2014 मे संघ की सरकार भारत मे बनवाना, हम लोगों की अमेरिका की नज़दीकी और चीन का तुष्टिकरण कुछ भारत को लाभ न दे सका….

#नोट: नीचे हम ने 1998 में क्राउन प्रिंस अबदूल्लाह की एक दुर्लभ तस्वीर पैंट-शर्ट में दी है जो शायद किसी ने नहीं देखी होगी या जिन्हों ने देखी भी हो उन को याद न होगा।हम को यह तस्वीर याद है क्योंकि हम से इस पर अरबों के बीच बहुत गुफ़्तगू हुआ है।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman बहुत से लोगों को यह ग़लतफ़हमी है कि डा॰ मनमोहन सिंह ने “Look East” policy बनाई, मगर यह सच नहीं है। यह अबदुल्लाह की पॉलिसी थी जिस को मनमोहन सिंह अपनाना चाहते थे मगर 2014 मे भारत में बनी सरकार ने “विदेश नीति” ही बदल दिया और आज पूरा ईस्ट हम ने खो दिया। न हम ASEAN में हैं, न हम APEC में हैं और न ही RCEP में हैं, जबकि बर्मा छोड़ कर सभी देश वहॉ तरक़्क़ी कर रहे हैं, ख़ास कर इंडोनेशिया, वियतनाम वग़ैरह दूसरा मलेशिया बन गया।

Jamshed Jamshed एक बात तो है अरबों ने अपनी स्ट्रेटेजी से अमेरिका और यूरोप को तिलमिला कर रख दिया… शानदार पोस्ट…

  • Mohammed Seemab Zaman, Jamshed Jamshed साहेब, मेरे पोस्ट को सब पढ़िये गा तो आप को ऐसी जानकारी मिले गी जो शायद आप को भारत के उर्दू, हिन्दी या अंग्रेज़ी अख़बार में कभी पढ़ने को नहीं मिले गा।यह सब मेरा ज़ाति तजुर्बा और देखा हुआ है, जिस का कुछ हिस्सा हम लिख देते है।हम हमेशा कहते हैं कि अरब के जो Top Intellectuals हैं हम ने कभी भारत मे वैसे लोग को नहीं देखा।

May be an image of 1 person and text that says "Û Bin Abdulaziz laziz Al Saud"