Post of 20 November 2024

ब्राज़ील मे G20 इस साल का आख़री अंतरराष्ट्रीय समिट था जिस मे सभी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पहुँचें सवाये सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद और रूस के पुटिन के।

G20 के साथ साथ अज़रब्ईजान COP29 सम्मेलन भी कल खत्म हुआ। अगले साल 2025 मे COP30 ब्राज़ील में होगा और G20 समिट साऊथ अफ़्रीका में होगा। 2026 मे G20 सम्मेलन ट्रम्प के “अमेरिका फ़र्स्ट” में होगा।

*G20 समिट के आख़री दिन रूस के राष्ट्रपति पुटिन ने मॉस्को मे नई शर्तों के साथ रूस के “न्यूक्लियर सिद्धांत” में बदलावों को मंजूरी दे दिया।अब रूस न्यूक्लियर वेपन यूक्रेन में किसी वक्त भी इस्तेमाल कर सकता है।

ऐसे तो दुनिया पिछले दस साल से बराक ओबामा के अरब स्प्रिंग और भारत मे संघ की सरकार के कारण बदल ही रही थी मगर 2017 मे ट्रम्प राष्टपति बने तो दुनिया को तेज़ी से बदल दिया जिस का नतीजा हुआ फ़ॉल ऑफ काबूल (8/15), रूस-यूक्रेन जंग (2/24) और इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों (10/7) का मार-काट है।

*8/15 ने दुनिया को बता दिया कि रूस तो अफ़ग़ानिस्तान से 10 साल मे हार कर भागा मगर अमेरिका जो WWII के बाद दुनिया का विश्वगुरु बना था वह 20 साल अफ़ग़ानिस्तान मे रहा मगर वह भी 15 अगस्त 2021 को बेइज़्ज़त हो कर हार कर रात में भागा।

*रूस के पुटिन ने अफ़ग़ानिस्तान में 8/15 को अमेरिका-यूरोप की शिकस्त देख कर 2/24 किया और आज 1000 दिन से यूक्रेन मे जंग जारी है जिस में लाखों लोग मारे गये हैं और 50 लाख से ज़्यादा लोग यूरोप में शरणार्थी का जीवन गुज़ार रहे हैं।

*2/24 के वजह कर यूरोप की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई और 10/7 की घटना ने यमनी हुथी द्वारा समुद्री व्यापार को बर्बाद कर दुनिया की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।

*अब 20 जनवरी को “अमेरिका फ़र्स्ट” का दूसरा कार्यकाल शुरू होगा, और दुनिया का “ओल्ड वर्ल्ड ऑर्डर” ताबूत में दफ़्न हो जाये गा।

नई दुनिया का नया सुपर-पावर चीन उभर जाये गा और “अमेरिका फ़र्स्ट” को अगले चार साल सख़्त चुनौती देगा क्योंकि अब बेग़ैर चीन के अमेरिका की अर्थव्यवस्था का विकास हो ही नही सकता है।

#नोट: पुरानी वैश्विक संस्था UNO, IMF, EU, G7 वग़ैरह का वर्चस्व ख़त्म हो जाये गा और नई संस्था OIC, ASEAN, SCO, BRICS, OTS, APEC उस की जगह ले गें।

May be an image of 1 person