Post of 10th September 2021

हम ने तो दो विश्वयुद्ध नही देखा मगर बचपन मे पहला आतंकी संगठन मुक्ति बाहनी और बंगलादेश बनते देखा।लाखो लोग मरे और लाखो परिवार बरबाद हुआ।फिर तामिल-एलम के लिये LTTE बना और 30 साल मे लाखो लोग मरे, और फिर आतंकी संगठन बनाने का सिलसिला दुनिया मे एक रेवाज बन गया, जिस का अन्त 15 अगस्त 2021 को “फौल ऑफ काबूल” से हुआ।

कल इस एक्सीवीं सदी के 9/11 आतंक का एकिसवॉ साल है, वहॉ भी बेगुनाह हज़ारों लोग मरे।अमेरिका के राष्ट्रपति को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहला ज़ख़्म लगा और फिर मिडिल इस्ट/मुस्लिम दुनिया मे मार काट का “Bush Doctrine” व्हाइट हाउस और पेंटागौन ने बनाया गया।

नवंबर 2001 को सऊदी अरब के विदेश मंत्री सऊद बीन फैसल और पाकिस्तान के आईएसआई के चीफ व्हाइट हाउस गये और राष्ट्रपति बुश को कहा अफगानिस्तान पर बमबारी नही किजये और तालेबान से बात किजये वह सच बताये गा किस ने यह 9/11 किया। मगर 7 नवंबर को इंग्लैंड के प्रधानमंत्री टौनी ब्लेयर व्हाइट हाउस पहुँचें और तालेबान से बात करने को इंकार किया और “बुश-डौकटराईन” पर मोहर लगा दिया और ईरान को एक नया आतंकी बनाने का सुझाव दिया। सऊद फैसल और पाकिस्तानी चीफ बेइज़्ज़त होकर वापस लोट आये।

राष्ट्रपति बुश ने चार महीना बाद 29 जनवरी 2002 अमेरिकन संसद (Congress) मे State of the Union सालाना स्पीच दिया। नौरथ कोरिया, इराक़ और ईरान को “Axis of Evil” कहा और War on terror की लडाई लडने की बात किया। संसद मे खूब ताली बजी और बुश हिरो हो गये और बुश White House वापस आ कर उसी रात ईरान को Nuclear Power Plant बनाने की अनुमती पर हस्ताक्षर किया।

मजबूरन पाकिस्तान के जेनरल मोशररफ ने अमेरिका का साथ दिया।एक हफ्ता मे तालेबान की सरकार ख़त्म हो गई और करज़ई राष्ट्रपति बने और बाद की कहानी तो सब को मालूम है।मगर वह तालेबान कहॉ गायब हो गये यह मोशररफ ने अमेरिका को पता नही चलने दिया।

अमेरिका को एक हफ्ता मे काबूल की जीत के नशा ने “बुश डौकटराईन” को बल दिया। फिर अमेरिका और टौनी ब्लेयर ने दूसरा फ्रंट 2003 मे सद्दाम के खेलाफ बमबारी से शुरू किया और उस के बाद सिरिया, इजिप्ट, टूनिशिया, लिबिया और सुडान को ख़त्म करने के बाद आखिर मे ईरान को ख़त्म करना था।तुर्की के लिये तो अमेरिका और यूरोप कुर्द आतंकी पैदा किये ही हुऐ था।इस तरह अगले पचीस साल के लिये पूरे मुस्लिम देश तबाह बरबाद हो जाते।

मगर मुस्लिम दुनिया ने बुश को इराक़ मे फसॉ दिया और जब बुश हटे तो 2009 मे वह बुश-डौकटराईन ऑफ मुस्लिम किलिंगस बराक ओबामा को दे कर गये। बराक ओबामा ने उस को accept कर लिया। 2008 के मंदी के बाद जब बराक 2011 मे निकले तो टूनिशिया, इजिप्ट, लिबिया, सूडान और सिरिया शुरू किया।मगर सितंबर 2015 सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने सिरिया मे रूस को बोला कर ओबामा के पैर के नीचे से जमीन हटा दी और इतिहास मे अमेरिका की बरबादी लिख दिया।

बुश के शुरू के चार साल (2001-4) भारत मे बीजेपी के वाजपेयी की सरकार थी और ओबामा के आखरी तीन साल संघ की मोदी सरकार थी।

(#नोट: इस का दूसरा पार्ट ईरान का न्यूक्लिअर प्लांट और राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी हों गें)
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Some comments on the post mentioned below:

Ashutosh Chandra Thakur माफी के साथ , ये पोस्ट काफी disputed हो सकता है

Arif Kamal एक वक्त था जब आपको नही पढ़ा था।माहौल खराब होता जा रहा था।हर तरफ दुनिया भर के मुस्लिम मुल्को में अमरीकी मार काट जारी थी।ISIS के नाम पर मुसलमानो को बदनाम किया जा रहा था।भारत मे संघ संचालित सरकार और लिंचिंग्स।बहुत मायूसी थी।फिर अचानक से आप फ्रेंड लिस्ट में आ गए।आपको पढ़ा।दुनिया की राजनीती को अलग नज़रिए से देखना शुरू किया।मायूसी उम्मीद में बदल गई।आपकी बाते एक के बाद एक सही होती गई जिससे आपकी सोच पर आपके ज्ञान पर विश्वाश बढ़ता चला गया।इसका इनडाइरेक्ट प्रभाव पूरी ज़िंदगी पर पड़ा।अब कोई मायूसी नही है एक उम्मीद है।नाउम्मीदी में उम्मीद जगाने के लिए आपके सब फेसबुक मित्र आपके शुक्रगुज़ार रहेंगे।

  • Mohammed Seemab Zaman शुक्रिया जनाब। यह बहुत से लोगो ने हम को लिखा है हमारे लिखे को पढने के बाद मायूसी ख़त्म हो गई। यकीन मानये बहुत से लोगो ने कहा अब चैन से सोते हैं, जो होना है हो।यकीन मानये हम ने सिर्फ Morale High किया है क़ौम का सच्चाई बता कर।हम ने हर टौपिक पर लिखा, खास कर economy पर जो मेरा ज़ाती शौक है पढना। हम ने भारत पर जो लिखा वह “विदेशनीति” और “जियोपौलिटिक्स” को बेस कर लिखा। वह आज सब के सामने नजर आ रहा है।
  • Md Ali Mohammed Seemab Zaman सर Allah आपको ख़ैर ओ आफ़ियत के साथ लंबी उम्र दे .. आपका और आपकी रहबरी का साया हम सब पर हमेशा क़ायम रहे..आमीन.
  • Salimuddin Ansari Md Aliآمین ثم آمین یا رب العالمین 3
  • Mohd Asim Naeem Arif Kamal bhai ….maina bhi bht face kiya … Allah Mohammed Seemab Zaman sir ko lambi umar ata farmaya….M koi comment nai karta sir ki post par… but daily wait karta hun…
  • Mir Talib Ali Arif Kamal sb बिल्कुल सही
  • Qasim Chaudhary Mohammed Seemab Zaman साहब मेरी ज़िन्दगी में भी सुकून आया है पहले बेचैन रहता था इस बात से की हमको ही लूटा गया है हमको ही ठगा गया है हमको ही मारा गया है हमको ही क़ातिल कहा गया ओर हम ही बदनाम हुए.. सो नहीं पाता था अकेले में रोते थे हम फिर पॉजिटिविटी आयी आपलोग को पढ़ा ओर समझ आया एकदिन अज़ान देना पड़ेगी वो अब सच होगा इंशाअल्लाह अब सबको बताता हूं अब ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा तुम्हारी परेशानियों को दूर होने में.. अब सुकून है ओर बस फैज़ साहब को तराना गुनगुनाता रहता हूं..”वोह दिन के जिसका वादा हैजो लोह ए अजल में लिखा है “बहुत रोये हैं हम अपनी क़ौम के हालात को देख कर
  • ActiveTurab Qureshi Md Ali امین1

Kamil Khan बहुत बेहतरीन पोस्ट , आज हम कह सकते हैं के हमने ज़माना बदलते देखा है ,

  • Mohammed Seemab Zamanआप बिल्कुल कह सकते है, हम लोगो ने जमाना बदलते देखा है। अब सिर्फ अपने क़ौम को तमीज़ और ऐखलाक़ के साथ रहने की तलक़ीन करते रहिये।
  • Kamil Khan Mohammed Seemab Zaman आप की हर बात का मैं अपने हिंदू मुस्लिम सब दोस्तों में प्रचार करता हूं , और हमेशा एकता बढ़ाने की कोशिश करता हूं , क्योंकि आप ने जो लिखा वो हु बहु सच साबित होता रहा है , इस लिए आप का ये बार बार इखलाक के बारे लिखना , इसका भी कोई दूरगामी परिणाम होगा जो हम सब भारतीयों के लिए बेहतरी बायेज़ बनेगा , इंशा अल्लाह.

Mozaffar Haque बहुत ही शानदार, western terrorism का 50 साल का इतिहास … निस्फ़ सदी का क़िस्सा है, दो चार बरस की बात नहीं …

लोकेश सलारपुरी ये सच है कि अमेरिकी किला ढह रहा है ! लेकिन मुस्लिम कंट्रीज का क्या ??इनकी स्थिरता और शांति का क्या प्लान है ??

  • Mohammed Seemab Zaman आज बाईडेन ने 9/11 का जो मैसेज दिया उस मे अजान दे दिया, “First time Biden acknowledged “the darker forces of human nature- fear and anger, resentment and violence against Muslim Americans, true and faithful followers of a peaceful religion” कहा है। आज पोस्ट करे गें। अब शांति स्थिरता आ जाये गा।

Parmod Pahwa बेशक आपने पहला आतंकी संगठन मुक्ति बहिनी देखा हो लेकिन हिंदुस्तान में आतंकी संगठनों की नींव अंग्रेज़ो ने बहुत पहले डाल दी थी जिनमे बेलचा पार्टी, रजाकार और संघ को सबसे उपर रखा जा सकता है।।बहरहाल आज़ाद भारत का पहला आतंकवादी गोडसे था इसमें कोई दो राय नही हो सकती

  • Mohammed Seemab Zamanआप को हम से ज्यादा जानते हों गे मुक्ति बाहिनी के बारे में। यहॉ आतंकी लोग 1935 मे बिहार के भागलपुर मे पहला बडा दंगा कराया था। यह निव थी 1947 के पार्टीशन के दंगा का।
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    Tanweer Alam

 Parmod Pahwa साहब और Mohammed Seemab Zaman भाई दोनों अच्छा लिखते हैं।

Md Ali

जनाब Mohammed Seemab Zaman साहब से FB के माध्यम से ताल्लुक़ है. अपने अक्सर सवालों का जवाब उनको पढ़कर आसानी से हमे मिल जाते हैं.

मेरे बहुत से सवालों के जवाब मे वो एक जवाब ऐसा भी है जो वो हमे हमेशा देते हैं और हिदायत करते हैं कि FB पर कभी भी किसी से बहस ना करें.. उनकी खास हिदायत मे इल्मी बेदारी और ज्यादा से ज्यादा Authentic source से बेहतर content पढ़ने का हुक्म शामिल है.

Geopolitics, foreign affairs, Egyptian civilization और Economy में ma Sha Allah बेहतरीन expertise के मालिक हैं. और Alhamdulillah हम जैसों के लिए मौजूदा अंधेरों मे उम्मीद के एक रोशन चिराग़ की मानिंद एक ख़ूबसूरत रहबर हैं.

उनके लिए दुआएँ किसी जन्मदिन या किसी occasion की मोहताज नहीं, अल्लाह उनका साया हमेशा हम सब पर खैर ओ आफयत के साथ क़ायम रखे. Aameen. Jazaka’Allah sir. 💐🙏

उम्मीदों के चराग़ खुदा यूँ ही हम पर ताउम्र रोशन करे
दराज़ उम्र हो जो सबब हैं बचाने के हमे कुए के मेंढ़कों से