Post of 2th November 2021 translated by Afreen Noor Saheba.
Obama’s misunderstanding of the Arab Spring (2011) and Trump’s Abraham Accord ended today with the visit of Abu Dhabi’s Prince Mohammed bin Zayed to Turkey. Now the era of the Greater Middle East began and the smoke of the US era began to blow. Then the wind started blowing.
Today Prince Zayed of Abu Dhabi came to Turkey and signed several papers on defence, trade and investment of $10 billion.
Most importantly, the rift that Obama had divided Turkey and Egypt and the Middle East through the Arab Spring and the Iran Nuclear Agreement ended today.
Erdogan could not save Morsi in Egypt but compromised the UAE in Libya. The UAE benefited from Trump’s Abraham Accord and the UAE, Saudi Arabia, Qatar and Azerbaijan became wealthy due to increased oil prices.
Prince Zayed’s visit to Ankara will start a new chapter of huge geopolitical and geoeconomic changes in Asia and Africa.
Now in Asia, Iran will have to end its proxy in Yemen, Syria, Lebanon, Iraq and some countries of Africa and should talk to everyone on the whole issue to make Iran an important country again.
Now, please keep an eye on the countries of Central Asia: Uzbekistan, Kazakhstan, and Turkmenistan for next two-four year.
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ओबामा का अरब स्प्रिंग (2011) और ट्रेम्प के अब्राहम एकॉर्ड की misunderstanding का आज अबूधाबी के प्रिंस मोहम्मद बिन ज़याद के तुर्की यात्रा से अन्त हो गया।अब ग्रेटर मिडिल इस्ट का युग शुरू हुआ और अमेरिका के युग का धुऑ उड़ने लगा।सौ साल बाद फिर ढंढी हवा चलनी शुरू हुईं।
आज अबूधाबी के प्रिंस ज़ायद तुर्की आये और रक्षा, ट्रेड तथा $10 billion के निवेश पर कई काग़ज़ात पर हस्ताक्षर हुआ।
सब से महत्वपूर्ण बात यह हुई ओबामा ने जो अरब स्प्रिंग और ईरान न्यूक्लिअर समझौता कर तुर्की और मिस्र एंव मिडिल इस्ट को बॉटा था वह दरार आज ख़त्म हो गया।
अरदोगान मिस्र मे मोरसी को नही बचा सके और यूएई से लिबिया मे compromise किया, ट्रम्प के अब्राहम एकॉर्ड से यूएई को फायदा हुआ और बढे तेल के दाम से यूएई, सऊदी अरब, कतर और आईजरबाईजान मालों-माल हो गये।यह मिडिल इस्ट की राजनीतिक और आर्थिक जीत है।
प्रिंस ज़याद का अंकरा जाना एशिया और अफ्रिका मे बहुत बडे जिव-पौलिटिकल और जिव-एकोनौमिक बदलाव का एक नया अध्याय शुरू करे गा।लिबिया, सोमालिया, चाड, माली वगैरह अफ्रिका के देश मे पॉच-दस साल बाद बहुत अच्छा देखने को मिले गा।
अब एशिया मे ईरान को अपने proxy आतंक को यमन, सिरिया, लेबनान, इराक़ और अफ्रिका के कुछ देशो मे ख़त्म करना होगा और सब के साथ मिल कर सारे मसला पर बात कर के ख़त्म कर फिर ईरान को एक महत्वपूर्ण देश बनाना हो गा।
दो-चार साल के बाद सेंट्रल एशिया के मूल्क उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, ट्रकमिनिस्तान पर भी नज़र रखिये गा।