Post of 30 December 2021
नया साल 2022 हम सब को मोबारक है।एशिया वालों के लिए, यह साल इस सदी का विशेष यादगार साल होगा।हम सब को नये साल मे एशिया की शताब्दी मोबारक हो।
#हम लोग सूनते और पढते आये थे कि अफगानिस्तान “साम्राज्य का क़ब्रिस्तान” और “शहंशाहों को ताज” पहनाने वाला मूल्क है। 2021 मे हम लोगो ने ख़ुशक़िस्मती से 15 अगस्त को अपने ऑंखो से वह ऐतिहासिक मंज़र देखा। आने वाले सैकडो साल यह याद रखा जाये गा।अल्लाह अफगान और पठान को सलामत रखे और अमन व शांति का गहवारा बनाये।
#बोलशेविक क्रांति (1920-91), विश्व युद्ध, अरब-इस्राईल जंग (1973), गल्फ़ वार, अरब स्प्रिंग के सौ साल के मार-काट, नरसंहार और दमन का अंत अफगानियों ने फौल ऑफ काबूल करा कर कर दिया।अब एशिया, चीन, मिडिल इस्ट, तुर्की का युग शुरू हुआ।
#चीन के राष्ट्रपति शी जिंपिंग इस सदी का नया इतिहास समाजवादी प्रजातंत्र और आर्थीक नीति तथा कंफ्यूशियस सिद्धांत पर खडा कर चीन मे एक नये “अवतार” बन जाये गें।शी जिंपिंग दुनिया के कई देशो से चीन के दो सौ साल के सीमा विवाद को ख़त्म कर चीन को एक नही पहचान दें गें।चीन ने रूस को अमूर नदी (Amur river) पर तीन साल घेराबंदी किया तो रूस चीन के क़ाबू मे आया और चीन को जमीन देकर सीमा मसला हल किया। इस साल रूस ने चीन को $24 billion का गैस पाईप लाईन से बेच कर चीन को उर्जा मे मज़बूती प्रदान किया है।
#मिडिल इस्ट अगले बीस साल तक दुनिया को स्सता उर्जा देकर उर्जा क्षेत्र मे अपनी लिडरशीप क़ायम रखे गा। दुबई और रेयाद 2 billion आबादी वाले भारत और अफ्रिका का “आर्थिक केन्द्र” (Financial Centre) हो गा।
#पिछले सत्तर साल से दुनिया की अर्थव्यवस्था पश्चिम देशो के अर्थशास्त्रीयों के सोंच पर चलती थी मगर अब दुनिया मे विकास का नया मॉडल आये गा जो मुद्रास्फीति और ब्याज के संबंध को नकार दे गा।तुर्की के अरदोगान ने दिसंबर मे एक नया “आर्थीक मॉडल” देश मे लागू किया है और अगर वह कामयाब हो जाता है तो दुनिया मे डालर और ब्याज का महत्व ख़त्म हो जाये गा।उमीद है कामयाब होगा।
#इराक़ मे मूकतदा अल सदर की पार्टी (72 सीट), डेमोक्रेटिक पार्टी (60 सीट) और कुर्द पार्टी (50 सीट) मिल कर सरकार बनायें गें और 18 साल का दंगा-फ़साद कम हो गा।मगर ईरान की हालत विएना मे नये JCPOA+/JCPOA2 होने से भी नही बदले गा क्योकि कोई मूल्क या कंपनी ईरान के साथ काम करना नही चाहे गा क्योंकि न ईरान प्रौकसी वार बंद करे गा और न अमेरिका सैंगशन्स लगाना बंद करे गा।
#भारत की समस्या या हालत मे कोई सुधार नही होगा, खास कर उत्तर भारत मे।भारत मे कोई पंडित नेहरू, इंदिरा गॉधी, मौलाना आजाद या किदवई के तरह पढा लिखा और दुनिया देखा नेता नही है जो अगले 10-20 साल मे भारत के भविष्य को सोनहरा बना सके।
इस सदी मे अरबी, चाईनिज़, अंग्रेजी ज़बान ही कामयाबी का रास्ता होगा।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman भारत मतलब उत्तर भारत और उत्तर भारत मतलब बिहार और उत्तर प्रदेश। दोनो की आबादी 30 करोड है। जब तक गोबर पट्टी का यह दो राज्य तरक्की नही करे गा तब तक भारत मे ग़रीबी ख़त्म नही होगी और न भारत विशवगुरू बने गा।अगले दो पुश्त मे इन दो राज्यों के लीडरशीप मे कोई चमत्कार ही भारत को विश्वगुरू बना सकता है।
Arif Kamal आखीरी लाइन बाकी विषय से अलग है।इसको लिखने का क्या महत्व है सर्?क्या फिलिस्तीन का मसला भी हल होने की उम्मीद है ?
- Mohammed Seemab Zamanफलस्तीन की क्या आबादी है? 80 लाख या एक करोड। इस से ज्यादा आबादी तो सिरिया मे अरब स्प्रिंग मे displace हो गई। इस से बडी आबादी को सत्तर साल मे बर्मा ने रोहिंगया को बर्बाद किया।इस से दुगनी आबादी को रूस के स्टैलिन ने कजाकिस्तान, उज़बेकिस्तान और कौकस मे मार दिया। समरकंद मे ईमाम बोखारी का मज़ार 55 साल विरान रहा और तीस साल पहले तक वह कम्पलेक्स केमिकल्स स्टोर रहा।
Salimuddin Ansari عمدہ تجزیہ اور پیش گوئی -اللہ سلامت رکھےآمین ثم آمین