22-12-2020
पिछले हफ्ता यह खबर यूके के अबरडीन विश्वविघालय से आई के वहॉ मिस्र के “भव्य पिरामिड” से निकली देवदार की लकड़ी विश्वविघालय के संग्रहालय मे अचानक एक मिस्री शोधकर्ता को मिली।
मिस्र के संग्रहालय मे काम करने वाली अबीर अलादानी (तस्वीर नीचे देखे) अबरडीन विश्वविद्यालय मे काम कर रही थी तो इन की नज़र एक सिगार के बक्सा पर पड़ी जिस पर मिस्र का पूराना झंडा (1637) बना हुआ था।
जब अबीर ने उस को खोला तो उस मे 5 inch का पाँच देवदार की लकड़ी (Cedar Wood) का टुकड़ा मिला। जब उस लकड़ी के टुकड़े की कार्बन टेस्ट हुआ तो पता चला यह 3,341-3049 BC का एक देवदार की लकड़ी का टुकड़ा है जो पिरामिड के क़ब्र से एक अंग्रेज को 1860 मे मिला था। उसने उस को सिगरेट के ख़ाली डिब्बा मे रख कर इंग्लैंड ले आया और मरते वक्त अपने दोस्त को दे दिया। दोस्त की बेटी ने 1946 मे अबरडीन विश्वविद्यालय मे वह “five inch piece of cedar” डिब्बा दान दे दिया। जिस पर 2020 पर अबीर की नज़र पड़ी जिस ने पिरामिड को 500 साल और पूराना बता दिया।
यह पॉच इंच का टुकड़ा किसी स्केल (scale) का हिस्सा है जो पिरामिड बनाने के वक्त नापने के काम आता था। Cedar Wood का पर्फ़्यूम और ख़ुशबू यूरोप और मुस्लिम दुनिया मे पसंद किया जाता है और महगॉ बिकता है।(लिंक कौमेंट मे पढें)
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आज तक भारत मे कोई चीज़ गौतम बूद्ध (430 BC) या सिंधु घाटी (1900 BC) के पहले का नही मिला।गौतम बूद्ध का भी अशोक के ज़माने की चीज मिलती है। यहॉ तक के गया मे महाबोद्धी मंदिर भी 700 AD का बना मिलता है।
भारत के हिन्दु इतिहासकार खूद अपनी किताब मे लिखते हैं क़ुतुब मिनार (1199 AD) जिस की ऊँचाई 238 फ़ीट है और जो इस्लामिक आर्किटेक्ट का शांदार नमूना है वहॉ के आस पास के खोदाई मे अशोक का टूटा स्तंभ मिला तो लोगो ने लिख दिया हनुमान गदा निकला है।
(नोट: Please उर्दू नाम वाले लोग कोई उलट पलट कौमेंट नही किजये गा, एतिहासिक खबर को पढ़िये और जानकार बनिये)
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