Post of 20th June 2022
यह मेरे 26 नवंबर 2020 के पोस्ट पर मेरा ही कौमेंट था, “एशिया का सब देश WWII या रूस के टूटने के बाद विशवगुरू हो गया जैसे, रूस, चीन, तुर्की, मिडिल इस्ट, ईजिप्ट, मलेशिया, वैटनाम मगर भारत जो 1989 तक रूस के बाद वाहिद “विशवगुरू” एशिया का था उस को संघ ने बरबाद कर दिया।आज देश ऐसा तबाह है कि मोदी जी या पूरा संघ का बूद्धिजिवी शाखा लगा कर खडे हों जाये तो देश संभलने वाला नही है” जो आज भी अग्निवीर के समय सत्य है।
आज की खबर है कि तीन गल्फ़ के देश ने ASEAN के तर्ज़ पर African Sovereign Investors Forum (ASIF) की मोरौक्को मे पहली बैठक मे 9 आफ़्रिका के देश अंगोला, गेबोन, घाना, इथोपिया, रोवॉंडा, जिबूटी, मिस्र, मोरौक्को, नाईजेरिया के साथ कृषि, इंफ़्रा, स्वास्थ तथा प्रोडक्ट मैनुफ़ैक्चरिंग पर साझा समझौता किया है।
आज अबू धाबी का सौवरेन फँड (ADQ) ने सूडान मे $6 billion खर्च कर पोर्ट सूडान के पास एक नया पोर्ट बनाने का समझौता किया है।ADQ फँड सूडान के कृषि क्षेत्र मे निवेश कर गेंहू-चावल-पेयाज़ की फ़सल को मज़बूती प्रदान करे गा।अब उत्तर, पश्चिम अफ्रिका और लाल सागर तथा अरब सागर मे तुर्कीया और मिडिल ईस्ट ने आपनी मज़बूत पहचान ASIF से बना लिया।
कल से जोर्डन और बहरीन के बादशाह मिस्र मे हैं और सऊदी अरब के प्रिंस सलमान मिस्र पहुँच रहे हैं।पिछले हफ्ता तंज़ानिया की राष्ट्रपति सामिया हसन तीन दिन के ओमान दौरा पर थीं। तंज़ानिया और ओमान का बेटी-रोटी का रिश्ता रहा था, जो फिर जिंदा हो जाये गा।
निकट भविष्य मे मिडिल ईस्ट और तुर्कीया चीन, रूस और फ्रान्स को अफ्रिका से निकाल दें गें।
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