Post of 13th July 2022
हमारे स्कूल के समय के दोस्त हैं S M Taqui Imam साहेब जो पूराने कांग्रेसी हैं। बिहार के मुख्य मंत्री जगन्नाथ मिश्रा के समय उन की तूती बोलती थी और बाद मे रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम के साथ रहे, खैर वह सब ज़माना भारत का स्वर्ण काल था।
आज से तीस साल पहले 9 सितंबर 1990 को तक़ी साहेब दिल्ली मे मेरे काम के सिलसिला मे जनपद पर बैंक और ऐयरलाइंस आफिस मे मेरे साथ चक्कर लगा रहे थे।
अचानक अदवाणी हाथ जोड़े राम मंदिर #रथ पर हम लोगों को नज़र आये, ज़्यादा बडा जलूस नही था। हम लोगो ने देखा और चलते रहे, तक़ी साहेब ने कहा याद रखना यह अदवाणी देश को बर्बाद कर दे गा।हम लोग उस वक्त के सयासी हलचल की बहुत सारी दलील देते हुऐ बात करते रहे क्योकि उस वक्त 1990 मे सोवियत संघ का पराखचा अफगानिस्तान/अल-क़ायदा लडाई के कारण उड़ चूका था, द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया बदल रही थी। उज़बेकिसतान और सेंट्रल एशिया के देश आज़ाद हो चूके थे, उज़बेक एयरलाइंस का कनाटप्लेस मे दफ्तर खूल चूका था।
आज तीस साल बाद अदवाणी खूद और देश को बर्बाद कर दिया।इसी से कहते हैं संघ के लोग कभी मुस्लिम बुद्धिजीवी के घर शाम की चाय पी लिया करें ताकि दुनिया को समझने मे आसानी हो, वरना विशवगुरू के कुर्सी के ख्वाब की तफ़सीर असंभव है।जय अल हिन्द।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman यशवंत सिन्हा प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह (Nov. 1990- Jun 1991) के कैबिनेट मे मंत्री रहे थे। सूनते हैं एक बार चंद्रशेखर सिंह सैयद शहाबुद्दीन से मिलने उन के घर पर आये थे तो बात चीत मे इन लोगो ने कहा कि यशवंत सिन्हा बहुत confused आदमी है, कोई आईडिलोजी नही है। आज यह बात भी सही नज़र आ रहा है।
- Ghufran Afridi जनाब 3 लाइन पोस्ट करेंगे आपकी
- Md Umar Ashraf जसवंत सिन्हा भी जय प्रकाश नारायण की तरह ही हैं/
- S M Taqui Imam, Mohammed Seemab Zaman सही है confused तो हैं ही। अगर अक़्ल होती तो ममता जी के साथ ना होते। ममता, मायावती, जय ललिता जी के साथ सकून से रहना आसान नहीं।
- Qasim Chaudhary, Mohammed Seemab Zaman चंद्रशेखर जी महान नेता थे दुर्दरशि भी थे. यशवंत सिन्हा जी को राजनीति में चंद्रशेखर जी ही लाये थे. बाबरी मस्जिद का मसला भी सुलझा चुके थे बस यही बाबरी का मुद्दा उठाने वाले कांग्रेस नेताओं को रास नही आया ओर ऐसा माहौल बनाया की इस्तीफा देना पड़ा क्योकि उन्हें मंज़ूर नहीं था की चंदशेखर की सरकार गिरे सदन में. ये सब बातें हमने अपने अंकल पूर्व राष्ट्रीय महासचिव समाजवादी जनता पार्टी जी से सुनी चंद्रशेखर जी हमारे अंकल के यहाँ 5 बार काशीपुर उत्तराखण्ड आये थे.
- Salimuddin Ansari, Mohammed Seemab Zaman कभी बाबरी मस्जिद अंदोलन में भी शामिल थे यह यसवंत सिन्हा.
- Shashi Kant Tripathi, Mohammed Seemab Zaman सर एक चेहरे पर कई चेहरे को लगाकर घूमने वाले लोग हैं.
- ActiveS M Taqui ImamQasim Chaudhary चन्द्रशेखर जी नेता नहीं एक अध्याय थे, एक सेलेबस थे। ऐसा नेता बार बार नहीं पैदा होता।
- Qasim ChaudharyS M Taqui Imam SAARC सम्मेलन में एक बार चंद्रशेखर जी भाषण दे रहे थे उसदिन उनको 104° बुखार था बिना तैयारी के भाषण दिया उनका भाषण सुन कर पड़ोसी देश के वज़ीर आज़म ने अपने सेक्रेटरी को कहा था क्या तुम मेरे लिए कभी ऐसा भाषण लिख सकते हो.
- ActiveS M Taqui ImamSalimuddin Ansari ये ( यशवंत सिन्हा) communal कभी नहीं रहे।Aristocratic मिज़ाज है, अंग्रेज साहेब बहादुर वाला। मगर मुस्तक़िल मिज़ाज कभी नहीं रहे।
- Shahid SamadS M Taqui ImamA man of his stature should be the president of India. But Suren, Nitish all are supporting BJP candidate.Yashwant Sinha is not Giani Zail Singh, he would be tough with p.m. and wont allow to impose industrialists friendly laws.
Kamil Khan मेरे एक संघी दोस्त अक्सर मुझ से मिलने आ जाते थे एक दिन हमने आप की एक पोस्ट के स्क्रीन शॉट उन्हें व्हाट्स ऐप पर भेज दिए जब से वो आज तक मेरे पास नहीं आए.
Md Iqbal आप चाय पीने को कह रहे हैं, जबकि बहुत से मुसलमानों को इन संघियों ने दामाद बना रखा है फिर भी इन्हें समझ नही आया, ये मसला सभ्यता के क्राइसिस का है, चाय पार्टी से सुलझने वाला नही है,
- Mohammed Seemab Zaman वह दामाद लोग बूद्धिजीवी नही हैं। यह सभ्यता की क्राईसिस नही है, यह कंफ्यूज़न है।
Syed Abid Naqvi सर अटल की वजह से अडवाणी को मौक़ा नहीं मिला अगर मिल जाता तो मोदी से कहीं खतरनाक साबित होता हालांकि अटल के अंदर साइलेंसर फिट था जो मार तो करता था आवाज़ नहीं, ख़ैर अडवाणी के किए की तो अभी शुरुआत भर है, अभी बहुत कुछ होना है, आख़िर में दलित मुसलमान खसारे में नहीं रहेंगे लेकिन, कुछ लोगों की हज़ारों साल पुरानी श्रेष्ठता नेस्तनाबूत होगी जिस नेहरू ने बचा लिया था कुछ बातें तफ्सील में लिखी नहीं जा सकतीं।।
- S M Taqui Imam, Syed Abid Naqvi जिसे भी अपना वजूद बचाना हो वह पढ़ाई करे। competition को compete करे। सिर्फ़ तालीम ही आपको रुतबा, इज़्ज़त, power, समझ, और निरंतरता दे सकता है। अब चाहे वह मुसलमान हो, दलित हो, स्वर्ण हो या कोई भी हो। वरना आपको लोगों की सेवा श्रेणी में ही रहना होगा।
Shahid Samad Agar ideology na hoti to apni zindagi BJP me kyun khapate. Malai to unhon ne bhi khai hai balki ungli chaat kar khai hai. Budhapa inks bhi kharab ho raha hai. Lekin aik baat hai ki woh highly educated hain. Aaj ke mantri kya hain , mujhe pata nahi.
- S M Taqui Imam, Shahid Samad Bhaiyya Congress mein inko entry nahi mili kabhi aur inke tarah aur bhi log BJP mein gaye jaise Satpal Mullick or bhi kai log. Waise bhi BJP ke pillers Advani, Atal, S. P. Mukherjee waghairah hain baqi sab ke sab hired ओर loan leaders hain jinko kursi chahiye thi jo BJP ne diya. Aaj bhi asam se lekar Goa tak ke ziyadatar BJP neta doosre party ke hain. Inke pas sirf ready kitchen hai aur head chef hain baqi sare hired log hain.
Dr-Asif Masood, Mohammed Seemab Zaman साहब मुल्क के को जो हालात हैं वो सब जानते हैं आप जैसे दानीश्वरों से गुजारिश है की बीच बीच में यह जरूर बताते रहें की मुसलमानों को क्या करना चाहिए और कौन सी हिक्मत अमली इख्तियार करनी चाहिए जिस से वो मौजूदा हालात का सामना कर सकें।
- Mohammed Seemab Zaman तालीम, तालीम, तालीम। बस इस पर ध्यान दिजये। खास कर टेकनिकल तालीम दिजये, छोटी हो या बडी। मेडिकल साईंस पर खसूसी तवज्जोह दिजये। दुनिया मे जॉब बहुत निकले गा।
- Dr-Asif Masood, Mohammed Seemab Zaman बहुत अच्छा मशवरा.