Post of 5th October 2024
ईरान के नेता आयातुल्लाह अली खेमेनाई ने कल जुमा के खुतबा में लम्बा चौड़ा भाषण दिया।
यह वही खेमेनाई हैं जो 1981-89 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे थे और खोमैनी के मरने के बाद 1989 से आज तक ईरान के सर्वोच्च नेता है। यह कोई वली या रूहानी आदमी नहीं हैं बल्कि एक “राजनीतिक नेता” हैं।
जब 2001 में अमेरिका मे कलिंटन के बाद जार्ज बुश राष्ट्रपति बने तो उसी साल 9/11 हुआ ताकि अमेरिका तुर्की से लेकर इंडोनेशिया तक मुस्लिम दुनिया को बमबार्ड कर तबाह कर दे मगर राष्ट्रपति मुशरर्फ ने सब को बचा दिया और अमेरिका ने जिस को मॉंगा उस को पकड़ कर दे दिया मगर तालिबान को ग़ायब कर दिया जो 15 अगस्त 2021 को “फाल आफ काबूल” का कारण बना।
बुश ने 28 जनवरी 2002 को अपने संसद को संबोधित करने के बाद रात में ईरान को न्यूक्लियर प्लांट और ट्रेनिंग के कागज़ात पर दस्तख़त किया ताकि मिडिल ईस्ट काबू में रहे।
बुश के 2008 में राष्ट्रपति पद से हटने के बाद आज तक उन को किसी ने दुनिया में नहीं देखा है क्योंकि उन को “थ्रेट” है और वह बहुत सुरक्षित रहते हैं।
मेरा सवाल है ईरान कहॉ से प्लांट बनाने के लिए steel लाया और यूरेनियम साफ़ करने के लिए 4,000 centrifugal machines लाया? क्या यह सब अल्लाह ताला ने ईरान के खमेनाई को “मन्नेसलवा” भेजा?
खमेनाई के बाद दूसरा अमेरिकन एजेंट ईरान के राष्ट्रपति अहमदीनेजाद (2005-13) थे जिन के कार्यकाल में यह प्लांट लगा और ईरानी साईंटिस्ट को ट्रेनिंग मिली।अहमदीनेज़ाद एक गली-कूचा वाले नेता के तरह अमेरिक के खिलाफ बोलते थे, जो एक चाल थी कि आम आदमी इन को अमेरिका के खिलाफ नेता समझे।
अहमदीनेजाद के बाद ओबामा ने 2015 मे JCPOA का नाटक किया ताकि मिडिल ईस्ट अमेरिका का साथ दे मगर 2015 मे सऊदी अरब में सलमान बादशाह बने और रूस को 2015 मे OPEC+ का सदस्य बनाया और सऊदी अरब को सिरिया से हटा लिया और रूस को सिरिया में बुला लिया और इसी बीच चीन “महाशक्ति” हो गया।
1876 के बाद मुस्लिम दुनिया बदल गई और इस “न्यू वर्ल्ड आर्डर” में ईरान के कारण “चीन-रूस” या कोई समझदार देश OIC के 56 मुल्कों को नहीं छोड़े गा।
#नोट: धिक्कार है खमेनाई पर जिन्होंने अपने घर में हानियाँ को मार दिया। अंदर एक Sky News का चार दिन पुराना विडियो है जिस मे लफ़्फ़ाज़ प्रोफ़ेसर मिरानडी का साक्षात्कार सूनये।