Post of 26 May 2023

दो दिन पहले एक पोस्ट नज़र से गुज़री “वेद मानव सभ्यता के लगभग सब से पुराने लिखित दस्तावेज़ है।वेदों की 28 हज़ार पांडुलिपियों भारत मे पुणे के भंडारकर ओरियंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट मे रखी हुई हैं। इस मे ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की 30 पांडुलिपियॉ बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जिन्हें यूनेस्को ने विरासत सूची मे शामिल किया है।”

*मिस्र मे 2650 ई.पू. यानि 4700 साल पहले पहला पिरामिड बन्ने का इतिहास है जिस मे Hieroglyphics लिपि मे पत्थर पर लिखा आज भी मौजूद है।आज भी मिस्र मे 5000 से 7000 साल पुराना मंदिर मे समुंदर मंथन से पैदा भगवान की मूर्ती मौजूद है।नीचे तस्वीर देखें।

*दुनिया मे मूल निवासियों के ग्रंथ मूल भाषा की लिपियों मे पाये जाते हैं, जैसे मिस्र के फेरऔन तुतनखामून (1332-1323 BC) के पुजारी उसरहत और उन की पत्नी नेफरतारी के सूरज भगवान की पूजा मे पढे श्लोक मिस्र की चित्रलिपि (Hieroglyphics) मे आज भी 3300 साल बाद मौजूद है।नीचे तस्वीर देखें।

*250 ई.पू. लुम्बिनी मे अशोक स्तंभ पर ब्राह्मी (Brahmi) लिपि को देखा जा सकता है जिस का और गौतम बुद्ध के पांडुलिपियों का मूल पाली लिपि है।इसी ब्राह्मी लिपि के चार शेर वाले सारनाथ वाले अशोक स्तंभ भारत का सरकारी चिन्ह है जो संसद मे अभी लगाया गया है।

*सऊदी अरब के नजरान शहर मे हजारो साल पुराने अरामिक, ददानी, नबातियान आदि की पत्थर पर कुरेदी लिपि तथा बुद्ध ग्रंथ के पाली या अशोक के ब्राह्मी लिपि से मिलती जुलती नजर आती है।नीचे तस्वीर देखें।

#नोट: संस्कृत और पाली भारतीय सभ्यताओं के टकराव का प्रतीक तो नही बताई गई, संस्कृत आर्याई आक्रांताओं की भाषा रही है।अब पोस्ट लिखने वाले और शोधकर्ता हम भारतीयों को यह बतायें यूनेस्को ने जिन 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहर माना है, वह किन किन लिपियों मे लिखी गई हैं और उन लिपियों का काल खंड क्या था, तथा जिन वस्तुओं जैसे पत्थर या ताम्रपत्र पर खुदी या गढ़ी गई थीं उन का काल खंड क्या था?

अगर यह वेद आर्या आक्रांताओं की लिपि मे हैं तो यह भारतीय ग्रंथ कैसे हैं?