Post of 5th July 2021

After eight years our honourable world-famous philosopher Dr Mohan ji Bhagwat woke up!

Mohan ji said that “if a Hindu says that no Muslim should live here, then the person is not Hindu. Cow is a holy animal but the people who are lynching others are going against Hindutva. Law should take its own course against them without any partiality: RSS chief Mohan Bhagwat in Ghaziabad.”

But it is too late Dr Mohan ji, within next five-ten years China, the Middle East, Turkey will lead the world towards a civilized society by honouring the human rights of all mankind.
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DR MOHAN BHAGWAT SAYS “MUSLIMS DON’T TRAPPED IN CYCLE OF FEAR AS THE #DNA OF ALL INDIANS IS THE SAME”: ALLAH HO AKBAR, ALLAH HO AKBAR

हमारे आदरणिय विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक, मधुर भाषी, घारा प्रवाह वक़्ता डाक्टर मोहन जी भागवत ने कहा है “सभी भारतीयो का DNA एक है और मुस्लिम को डर कर नही रहना चाहिये के इस्लाम ख़तरे मे है”

सौ साल की सोंच वाले संध प्रमुख का यह कहना एक हास्यास्पद नही है बलकि यह अपनी आठ साल के गुजरात मॉडल के सरकार की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विफलता को देख कर यह “मुस्लिम तुष्टीकरण” की बात बोलने पर मजबूर हुऐ हैं।

डॉ भागवत जी आप ने बहुत देर कर दिया, भारत की जो बरबादी होनी थी वह अगले दो पुश्त के लिये हो गई।हम भारतीय मुस्लिम तो भागवत जी आप की बात यकीन भी कर लें गें मगर हमारे पड़ोसी या दूसरे एशिया के देश यकीन नही करे गें क्योकि जो ज़हर समाज मे शहर से ले कर देहात तक पिछले चालीस साल मे संध ने घोला है वह दुनिया को पता है और यह भारत के लिये दश्को “भटकती आत्मा” रहे गी।

हम हमेशा लिखते थे, सबर किजये बहुत अच्छा दिन आये गा क्योकि मेरे देश की मिट्टी का ख़मीर बहुत अचछा है। आज वही अच्छे ख़मीर ने बरबादी के बाद मोहन जी को जगा दिया। मोहन जी के इतना बोलने से बहुत बडा बदलाव नही आये गा, इन्को अपने सभी आतंकी संगठन और संस्था को बंद करना हो गा और जौकी बदलना होगा, मगर फिर भी खेसरा खतीहान चीन मॉगे गा।

फ्रांस का 36 रफाले फ़ाईटर जेट $9.3 billion के कॉंड का जॉच तो राष्ट्रपति मैकरौन के खेलाफ गुल खिलाये गा मगर उस मे अफ्रिका का जैकब ज़ूमा के भ्रष्टाचार भी खबर मे रहे गा जिस से भारतीय व्यवसायी अंतरराष्ट्रीय तौर पर बहुत बदनाम होगें।जौकी बदलने से भी मोहन जी की संस्था रफाले के बदनामी से नही बचे गी।

अंत मे मोहन जी के लिये एक मशहूर कलामे अेलाही ” टूट गये अबू लहब के हाथ और नामुराद हो गया वह”

Mohan Bhagwat

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