Post of 12th April 2024

دام ہر موج میں ہے حلقۂ صد کام نہنگ

دیکھیں کیا گزرے ہے قطرے پہ گُہر ہوتے تک

पिछले हफ़्ता सीरिया मे ईरान के दूतावास पर किसी देश ने मिजाईल मार कर ईरानी जेनरलो की हत्या कर दी और उस रोज़ से ईरान उस का बदला लेने के लिए अपना मिज़ाईल और ड्रोन इराक़, सीरिया और लेबनान में तैनात कर अमेरिकी और इसराइल पर जवाबी कार्रवाई के लिए तैयारी कर रहा है।

अमेरिका और यूरोप चीन, सऊदी अरब और तुर्की से पैरवी करवा रहे हैं कि ईरान को जवाबी कार्रवाई से रोकें वरना इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों की लड़ाई पूरे क्षेत्रों लिए ख़तरा हो जाये गा।इसी बीच सऊदी अरब और यूएई ने अमेरिका को अपने मुल्कों में आर्मी बेस से ईरान पर हमला करने की एजाज़त से मना कर दिया है और अमेरिकी लड़ाकू जहाज़ हूथी के कारण हिन्द महासागर में ड्रोन हमला से लाचार हो कर अपनी गतिविधियों पर रोक लगा दिया है।

इसी बीच ताज्जुब की बात यह है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीयों (हिन्दी नाम वालों) को इसराइल और ईरान की यात्रा करने से अनिश्चितकालीन (further notice) रोक लगा दिया है जबकि हम लोग दस साल से ईरान का चाबहार और इसराइल के बंदरगाह बनाने का जिम्मा लिए हुए हैं।

अफ़सोस इस बात का है कि क़तरा जिसे गुहर बन्ना था, आज भी सीप के मुँह के तलाश में है मगर घड़ियालों का जाल समुद्र में हर तरफ़ फैला है।हरमूज़ से लेकर सोयूज़ कनाल और बहरे अहमर, मडिटेरेनियन से लेकर हिन्द महासागर और अरब सागर तक भारत के लिए अवसर होते हुऐ भी आपदा ही आपदा थी जिस के कारण हम मित्र होते हुऐ भी किसी को अपना घनिष्ठ मित्र नहीं बना सके।

दस साल से चेष्टा थी मेरा हर क़तरा गुहर बन जाये मगर हर मौज की दाम और काम-ए-नहंग का हल्क़ा हमें या हमारे क़तरों को गुहर बन्ने नहीं देता।ख़ौफ़ तो यह है कि कोई हम को गुहर बनने नही देगा यही वजह है कि हम को यह ट्रेवल एडवाइज़री जारी करनी पड़ी।

#नोट: हवा तो यह उड़ाई गई की विश्वगुरु ने रूस-यूक्रेन की जंग रुकवा दी थी मगर आज इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के बीच के संघर्ष को ख़त्म नहीं करा सके जिस का नतीजा यह डर भरा ट्रेवल एडवाइज़री है।

दाम हर मौज में है हल्क़ा-ए-सद काम-ए-नहंग

देखें क्या गुज़रे है क़तरे पे गुहर होते तक (ग़ालिब)

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