Post of 6 Nov 2023
इसराइल और प्रतिरोधी ताक़तो के बीच तीन हफ़्ता से चल रहे खूनी संघर्ष के बीच अमेरिका 1973 के बाद पहली बार मिडिल ईस्ट मे विफल होता नज़र आ रहा है।
तीन दिन से अमेरिकी विदेशमंत्री ब्लिंकन मिडिल ईस्ट के नेताओं से मील रहे हैं मगर कोई भी इन के साथ “प्रेस कॉन्फ़्रेंस” करने को तैयार नहीं हुआ और न ही कोई साझा ब्यान जारी हुआ।
कल रात अचानक ब्लिंकन बग़दाद (इराक़) अपने फ़ौजीयो से मिलने गये और कल रात में ही तुर्की आ गये।आज तुर्की के विदेशमंत्री से मिलें गें मगर कल ही तुर्की ने कह दिया है कि ब्लिंकन के साथ प्रेस कांफ्रेंस नहीं होगा और न साझा ब्यान जारी हो गा, और न ही राष्ट्रपति अरदोगान उन से मिले गें।
अरदोगान पिछले हफ़्ता शुक्रवार को कज़ाखस्तान मे Organisation of Turkic States (OTS) के 10वें वर्षगाँठ के सम्मेलन के अवसर पर कज़ाखस्तान, उज़बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान, आज़रबाइजान, ट्रकमनिस्तान, हंगरी, तथा टर्किश साइप्रस के राष्ट्राध्यक्षों से मिले और तुर्की ज़बान का एक alphabets बना कर सभी तुर्क देशों को अपनाने को कहा और ट्रकमिनस्तान को OTS में स्थाई सदस्य बनाने को कहा।
रूस-यूक्रेन लड़ाई के बाद अरदोगान अज़रबाइबान, ट्रकमनिस्तान और कज़ाखस्तान के गैस को यूरोप में बेचने के लिए तुर्कि को अंतरराष्ट्रीय “Gas Hub” बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अरदोगान ने कहा है कि मिडिल ईस्ट के इस संघर्ष के बाद OTS देशों का महत्व बहुत बढ़ गया है।अब पश्चिमी देश ख़ास कर अमेरिका को मिडिल ईस्ट के बदले हालात के मद्देनज़र अपनी 50 साल पुरानी रणनीति को बदलना हो गा, वरना इस 21वीं शताब्दी की बदली दुनिया में पश्चिमी देश चीन का मोक़ाबला नहीं कर सके गें।
#नोट:पिछले बुधवार को राष्ट्रपति मैकरोन के कज़ाखस्तान और उज़बेकिस्तान के दौरा पर मेरे पोस्ट का Md Asim Siddiquee साहेब का बनाया शांदार विडियो भी देखिये।