पश्चिमी देश कोरोना के पहले से #जलवायु_परिवर्तन पर बहुत कलेजा पिट पिट कर रो-गा रहे थे कि दुनिया की आबादी बर्बाद हो जाये गी।
कल France 24 TV Debate पर एक पोलैण्ड के Jewish ghetto में पैदा Marek Halter ने कहा कि यूक्रेन जिस की आबादी 3.3 करोड़ है वहॉ रूस-यूक्रेन लड़ाई मे अब तक 6 लाख लोग मारे गये।
यह सब को मालूम है कि डेढ़ साल मे यूक्रेन की लाखों औरत और बच्चे यूरोप मे refugees हैं जबकि सिर्फ Poland मे 10 लाख यूक्रेन के लोग refugees बन कर रह रहे हैं। मगर अमेरिका और यूरोप शांति की बात नहीं कर रहा है बल्कि और लड़ाई का सामान दे कर लोगों को मरवा रहा है।
पश्चिमी देश मानवाधिकार का नारा लगाते हैं मगर आज 75 साल में इसराइल-फलिस्तीन में मार काट करवा रहे है मगर कोई वहॉ दो देश बना कर शांति का पहल नहीं करता है जबकि अमेरिका 1980 से हर साल इसराइल को $3.2 billion सैन्य सहायता देता है ताकि इसराइल लड़ता रहे और लोग मरते रहें।
पिछले एक महीना में लाखों टन बारूद बम से ग़ज़ा में गिराया गया, रूस डेढ़ साल में हज़ारों टन बम यूक्रेन में मार चुका मगर किसी ने यह नहीं कहा कि इस से #जलवायु_गंदा हो रहा है और बीमारी बढ़ रही है।
अमेरिका और ईरान यमन में लाखों हुथी को लड़ाई का सामान दे कर बग़ावत करवा कर लाखों लोगों को मरवा दिया मगर ईरान फ़लिस्तीनीयों के लिए रो रहा है।यही हाल सुडान का है।
Central Africa Republic (CAR) में पश्चिमी ताक़तें दस साल में लाखों लोग को लड़वा कर मरवा दिया मगर अमेरिका और यूरोप Human rights भूल जाता है। लाखों टन गोला बारूद ज़मीन में पटक दिया गया मगर उस को सिर्फ़ अरब के तेल और गैस से प्रदूषित होता समाज नज़र आता है।
#नोट: अभी 30 नवंबर से दुबई मे जलवायु संरक्षण पर #Cop_28 हो रहा है, देखये गा अमेरिका और यूरोप के मगरमच्छ कैसे कैसे कलेजा पिट पिट कर मानवता की दुहाई दें गें मगर यही अमेरिका और यूरोप लाखों टन बम-बारूद यूक्रेन और ग़ज़ा में गिरा दिया उस का कोई नाम नहीं ले गा।
#American_Bombs are responsible for #Climate_Change not the fossil fuels.