FB Post of 24 March 2021

“दुनिया के इतिहास मे पहली बार सोने का ज़ेवर/आभूषण मिस्र की सभ्यता मे बन्ना शुरू हुआ। यह इंक़लाब बहुत बडे मात्रा मे सूडान (Nubian) मे सोना मिलने के बाद शुरू हुआ। मिस्री समाज के हुनरमंद कारीगर और अत्याधुनिक नये औज़ार से आभूषण बनाने मे एक नया रोज़गार समाज को दिया। आज भी दुनिया मे बहुत सारा ज़ेवर उसी पैटर्न पर बनता है”

निचे पहली तस्वीर किंग तूतनखामून के सोने से बने ताबूत (Sarcophagus) की कैरो म्यूज़ियम मे रखी है। इस पर कशिदाकारी और देवी आईसीस की नक़्क़ाशी भी है (1325 BC). CNN ने बहुत अच्छी डौकेमेंटरी इस पर बनाई है।

#दूसरी सोने से बने तख्त की है जिस पर देवी बासटेत (Bastet) जो शेरनी की शक्ल की हैं, उन का चेहरा है।

#तीसरी तस्वीर देवी बासटेत के क्रिस्टल (Quartz) की मूर्ती है जो सोने की कुर्सी पर बैठी हैं।(1039-991 BC)

#चौथी तस्वीर सोने की चैरियोट की है और पाँचवी सोने की कुर्सी की है। दोनो मे सोना, कौपर, लोहा, लकड़ी इस्तमाल किया गया है। इन सब को संग्रहालय के लैब मे मरम्मत किया गया है। बहुत सारी चीज़ सोने की बनी वहॉ मिलतीं हीं।इंसान की मूर्ती से लेकर भगवान, जानवर, गिद्ध, चिड़िया, चूहा …….

यह कुर्सी अभी यूरोप के किसी म्यूज़ियम मे रखी है।