सऊदी विदेशमंत्री ने कहा है क़तर के साथ जो जून 2017 से संबंध खराब हुआ था वह जल्द ख़त्म हो जाये गा। गल्फ़ कोऔपरेशन कौंसिल (GCC) की बैठक मे एगरीमेंट हो सकता है। कोवैत के अमीर ने गल्फ़ संकट को समाप्त करने मे शाह सलमान का शुक्रिया अदा किया।

पिछले हफ्ता ट्र्म्प के दामाद कुशनर क़तर और सऊदी अरब का दौरा किया ताकि जब समझौता हो गया तो “यह अब ख़ून लगा कर हम भी शहीद बोलें”। इस संकट को कौवैत के बादशाह ने तीन साल मे बहुत कोशिश किया हल करने को और कहा जाता है कि पिछले साल सब तय हो गया था मगर किसी वजह कर दस्तखत नही हो सका। खैर इस बार कौवैत के नये विदेशमंत्री, शाह सलमान और अर्दोगान के पहल पर बाईडेन के शपत लेने के पहले एगरीमेंट हो जाये गा।

मेरा मानना है यह तीन नये जीसीसी के हुकमरॉ की आपसी रस्सा कशी थी मगर जो हुआ वह सही हुआ। क़तर आत्मनिर्भर हो गया और प्रिंस सलमान भी धक्का खा कर मैचियूर हो गये और इजिप्ट के राष्ट्रपति सीसी तीन साल मे देश को शांत रख कर खूब तरक्की कराया। आज तीन साल के सीसी तीन दिन के दौरा पर फ्रांस आये हैं।

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4-6 दिसंबर से चल रहे बहरैन मे IISS Manama Dialogue मे जीसीसी के सुरक्षा बैठक मे सऊदी प्रिंस तुर्की बिन फैसल ने इसराईल की आलोचना किया और कहा कि बिना दो देश बने यह मसला हल नही होगा। उन्होने इसराईल के नूक्यूलियर वेपन को ख़त्म करने की बात की। उन्होने कहा “You can not treat an open wound with palliatives and pain killers.”

इस सुरक्षा कौंफेरेंस मे बाईडेन को ख़बरदार किया गया कि भविष्य मे ईरान नूक्यूलियर डील (JCPOA) के समझौता मे GCC को भी शामिल किया जाना चाहिये वरना GCC अलग क़दम उठाये गा।मेरा मानना है कि शाह सलमान ने ओबामा-बाईडेन की मिडिल इस्ट मे पिछले पाप को देखते हुऐ जो बाईडेन को बॉंध कर रख दिया है।अरदोगान पहले से बाईडेन को अपना पुराना दुश्मन समझते हैं।अगला साल बाईडेन “लिलीपुट” हो जायें गें।