Post of 22 July 2023

दी एकोनॉमिस्ट, लंदन ने अपने इस हफ़्ता के अंक में भारत पर दो लेख लिखा है.

एकोनॉमिस्ट लिखता है कि जब भारत के सबसे सम्मानित कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अप्रैल 1924 में चीन का दौरा किया और एशिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं के बीच एक प्राचीन सांस्कृतिक बंधन के पुनर्निर्माण की आशा की, तो चीनी बुद्धिजीवी प्रभावित नहीं हुए।

लगभग एक सदी बाद, चीनी अधिकारियों और विद्वानों के बीच अभी भी भारत के प्रति तिरस्कार की भावना व्याप्त है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सह-संस्थापक Chen Duxiu ने लिखा, चीन के युवाओं को “Indianised” नहीं होना चाहिए।

एकोनॉमिस्ट लिखता है कि 2000 में बिल क्लिंटन की दिल्ली यात्रा के बाद से अमेरिका विदेश नीति को आशा थी कि भारत “pro-Western counterweight to China” के रूप में कार्य कर सकता है। मगर 2021 में महामारी के बाद भारत-चीन के द्विपक्षीय व्यापार में 43% की वृद्धि हुई। पिछले साल इसमें 8.6% की बढ़ोतरी हुई और $120 billion हो गया – जब 2000 मे क्लिंटन दिल्ली में थे, उससे 27 गुना अधिक बढ़ गया। इसी बीच, 2020 मई से दोनो देशों की सीमा पर बड़े पैमाने पर विवाद और भारी सैन्यीकरण भी बना हुआ है।

लेकिन भारत-चीन संबंधों में आश्चर्यजनक व्यापार से यह स्पष्ट होता है कि भारत, पश्चिमी देशों के चीन के खिलाफ गठबंधन में शामिल नहीं होगा। यह व्यापार पश्चिमी सोच तथा अमेरिकी के लिए एक चुनौती हो गई है जिस पर अधिक गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है कि भारत, यदि आवश्यक हो, तो उसकी लड़ाई लड़ने में मदद करेगा या इसे खत्म कर देना चाहिए।चीन का प्रतिकार (Counterweight) करने के लिए, भारत को न केवल सशक्त होना चाहिए, बल्कि प्रतिकार करने के लिए तैयार भी होना चाहिए।

#एकोनॉमिस्ट ने अपने Soft Copy में चीन-भारत का नक़्शा तथा दो ग्राफ़ दिया है मगर Hard Copy जो बाज़ार में है उस मे केवल दो ग्राफ़ है। भारत-चीन का वह नक़्शा दर्शाता है कि नरसिम्हा राव 1992 में बाबरी मस्जिद शहादत के बाद अगस्त 1993 में चीन जाकर अक्साई चिन के सीमा को Line of Actual Control (LAC) मान लिया था मगर हम भारतीय अभी भी इसी भारत का अटूट अंग मानते है।

#नोट: अभी चीन फिर LAC पर विस्तारवादी हो गया है मगर कल सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापि मस्जिद का वज़ू खाना बंद कर मस्जिद की ASI से सर्वे का आदेश दिया है। खुदा से दुआ किजये बाबरी मस्जिद के तरह ज्ञानवापी का कोई कॉड न हो और भारत की अखण्डता बनी रही।

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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman दुआ किजये, ज्ञानवापी मस्जिद बाबरी मस्जिद के तरह फिर एक नया तमाशा नहीं हो क्योंकि यह एशिया की शताब्दी है और हम लोग एशिया में हैं।

Mohammed Seemab Zaman

दुआ किजये, ज्ञानवापी मस्जिद बाबरी मस्जिद के तरह फिर एक नया तमाशा नहीं हो क्योंकि यह एशिया की शताब्दी है और हम लोग एशिया में हैं।