Post of 1st January 2022
आज 15 देशो के एशियन समूह RCEP का पहला दिन है।
2012 मे दस ASEAN देश ने एशिया के पॉच देश चीन, जापान, साऊथ कोरिया, औसट्रेलिया और नयूजिलैंड के साथ मिलकर RCEP बनाया ताकि सब देशो के बीच फ्री ट्रेड हो। इन पंद्रह देश की आबादी 2.2 billion है और GDP $26 trillion है।
जापान सब से अधिक 22% निर्यात दुनिया मे चीन को करता है और चीन के बैंक दो साल से जापान मे निवेश कर रहे हो। औसट्रेलिया के कोयला, शराब और गौ मांस का सब से बडा आयातक चीन है।
आसियान देशो का सब से बडे आबादी का देश इंडोनेशिया (27 करोड) है जिस का बजट $188 billion है और 2020 मे GDP $1.0 trillion था, सब से छोटा देश बरूनाई है जिस आबादी 5 लाख है और GDP $13 billion है।
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भारत की आबादी 1.3 billion और सालाना बजट $478 billion है और GDP $2.5 trillion है मगर दुनिया और एशिया के किसी ट्रेड समूह मे नही है।
उप्र की आबादी 22 करोड है और समाजवादी लाल टोपी के लोग दिल्ली/मुम्बई मे गाय का दूध और गोबर बेच कर गर्व करते हैं।बिहार की आबादी 8 करोड और कशमीर मे सेब और केरल मे नारियल तोड़ने मे गौरवमयिए होता है। यह दोनो राज्य “मंडल-कमंडल” कर अपने को धुर्त बनता है और आगे भी काशी-मथुरा कर बूद्धिजिवी बने गा।1
990 से मंडल-मंडल ने ब्रेन ड्रेन कर दुबई और सऊदी अरब को भारत-अफ्रिका जिस की आबादी 2.1 billion है, का आर्थिक केन्द्र बना दिया।ब्रेन ड्रेन के कारण अभी अमेरिका के सात बडे कंपनी का CEO भारतीय है जिस मे चार ब्राह्मण और तीन बनिया हैं।
नफरत फैला कर झाँसा देकर झाँसी का नाम बदल कर गर्व करो और देश का नाम चीन से बदलवा दो।
#नोट: नीचे चार नेता की तस्वीर है जो 2022 मे सोनहरे लवज़ों मे एशिया की तक़दीर लिखे गा।