Facebook Post of 8th November 2020

आज यह खबर आ रही है आईजरबाईजान ने 30 साल बाद नगोरनो काराबाख का एतिहासिक शहर “शुशा” कब्जा कर लिया जिस की पुष्टी अरमेनिया ने कर दिया।

यह खबर दो दिन पहले की थी मगर अमेरिका चुनाव के रिज्लट के वजह कर आईजरबाईजान ऐलान नही कर रहा था। आज सुबह यह डिस्क्लोज़ कर दिया गया।

यह शहर एक महत्वपूर्ण सप्लाई लाईन था आरमेनिया के फौज के लिये नगोरनो कराबाख मे। अब कराबाख को कब्जा करने मे कोई मोशकिल नही होगी।

हम को लगता है अब आरमेनिया शांति के लिये आजरबाईजान से नेगोशियशन करने को तैयार हो जाये गा। आज फिर साबित हो गया ट्रम्प दुनिया मे पूराने झगडा को ख़त्म कर के शांति लाना चाहता था।

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यहॉ हम लोगो को याद देलाते जायें हमारे आदरणीय प्रघानमंत्री श्री मोदी जी पिछले साल सितंबर 2019 मे UNO के सभा के बाद नयूयोर्क मे अरमेनिया के प्रघानमंत्री निकोल पशनीयान से मिले थे क्योकि वह तुर्की और आईजरबाईजान का दुश्मन है।

हम को कोई बताये हमारे 40 साल के गुजरात मॉडेल के सोंच ने भारत को क्या फायदा दिया? अमेरिका मे भारतीय डायसपोरा ने भारत को नोकसान पहुँचाया या फायदा ?

मोदी जी ने पूरे मुस्लिम दुनिया के ज़हन मे हमारे लिये शक पैदा कर दिया। गुजरात मॉडेल के “चीनी-तुष्टीकरण” कर चीन को हमारा दोस्त नही बना सके बलकि गलवान मे बोला लिया। यह कल तक बिहार चुनाव मे एनआरसी, मंदिर, कशमीर मे पलौट ही बेच रहे थे, और भारत माता की जय का झूठा नारा लगा रहे थे।