Post of 30 August 2022
अमेरिका, यूरोप और एशिया के पॉलीटिशियन, राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री कोई भी यूक्रेन लडाई के कारण दुनिया मे “उर्जा संकट” से पैदा तबाही को अपने जनता को नही बताता रहा है। सारे राजनीतिक यह संकट से उत्पन्न महगाई, बेरोजगारी, आंदोलन को बहुत हलके मे ले रहे हैं।
यह तेल और गैस संकट 1973 के अरब-इस्राईल लडाई से पैदा संकट से भी बडा है।अगर कोई राजनेता यह समझ रहा है कि यह 2008 की मंदी के तरह है या कोरोना का संकट है तो वह गलती कर रहा है। यह संकट, महँगाई और बेरोजगारी बहुत से मूल्को मे सरकारें बदल देंगीं, सौ साल की सोंच बदल दे गी।
#कल तुर्किया ने सौ साल के बाद (1923 लूज़ान समझौता) बौस्फोरस से आने-जाने वाले जहाज़ के सामान पर पॉच गुणा टैक्स लगा कर $4 प्रति टन कर दिया है।40 साल से यह तकरीबन $0.80 था। इस से तुर्किया को $200 million अतिरिक्त कमाई होगी मगर यूक्रेन और रूस के अनाज, स्टील तथा तेल का दाम भी $4 प्रति टन बढ जाये गा।
#इंगलैण्ड के धर मे गैस और बिजली का औसतन साल मे बिल £1,971 आता था वह अब £3,549 होगा और अगले साल £6,600 होने का अनुमान है।इस से महगाई 13% बढ जाये गी, फैक्ट्री बंद होगी, बेरोजगारी बढे गी।
#यूरोप के देश जर्मनी जो उर्जा के लिए 60% रूस के तेल, गैस और कोयला पर मोनहसर था वह सब से ज्यादा बरबाद है। फैक्ट्री बंद हो रही है, निर्यात कम हो रहा है, बेरोजगारी बढ रही है।चांसलर शूल्ज़ टेलिफ़ोन पर सऊदी अरब के प्रिंस सलमान से बात कर रहे हैं।
#फ्रांस के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति मैकरौन अलजेरिया जाकर अपने पापों के लिए माफी मॉग रहे हैं ताकि अलजेरिया से तेल और गैस मिले।मगर अलजेरिया मे लोग नारा लगा रहे थे ‘मैकरौन वापस जाओ, अलजज़ायर ज़िन्दाबाद’।
#जापान के प्रधानमंत्री टूनिशिया मे 30 अफ्रिकी देशो के कांफ्रेंस मे तीन साल मे $30 billion सहायता की घोषणा कर चाड, माली, सूडान, निजेर, सेनेगल, टूनिशिया, इजिप्ट आदि मूल्कों के लोगो को फ्री उच्च शिक्षा, पुलिस ट्रेंनिग देने की घोषणा तीन दिन पहले किया ताकि तेल, गैस, सोना, निकेल, यूरेनियम आदि निकालने का कौंट्रेक्ट मिले।
#नोट: देश बडा है न कि राजनेता, सरकार बनाये रखे, शांति बना कर रखे, अच्छे दिन आने वाले हैं।”उर्जा संकट से सभ्यता टुकडे टुकडे होंगीं”