Post of 26 August 2022

It is not Putin’s war in Ukraine that has changed the world but Obama’s “Arab Spring (2011)” changed the world in 21st century.

#Jeremy Cliffe has argued in his article “Putin’s war without end” in the New Statesman, London (19-25 August 2022 issue) with ten points such as globalisation, an ambivalent global south, weaponised global crisis, technology oversized etc.

Cliffe argued in his article that Putin accused Western countries of being in denial mode over their own decline. He quoted Chinese view, “they do not realise that in recent decades, new and powerful centres have been formed on the planets, each of which is developing its own systems and public institutions.”

My analysis is that Obama’s Arab Spring (2011) and installation of strong right-wing government in India in 2014 are the two blunders US and Western countries made that changed the world not Putin.

Obama did not anticipate that Salman, a great visionary will become the King of Saudi Arabia in January 2015 after King Abdullah.

Obama’s four days visit to India on 26th January 2015 annoyed Asian countries against Western powers. King Salman asked Putin to enter Syrian war in August 2015, whilst Saudi and UAE left Syria.

The decision of King Salman to invite Putin in Syria changed the power equation of the world after WWII not the Putin’s war in Ukraine. Unfortunately, Libya, Tunisia, Syria, Iraq, Yemen are still suffering from Obama’s adventurism of 2011.

Now, Putin’s war without end has created unprecedented energy crisis in the Western countries that will last next 5-6 winters. Gas price has increased 6 to 8 times since war started in Ukraine. The inflation is rising, unemployment is high, logistics problem has created spare parts shortages, Bank interest rate is high.

Biden should wake up and stop supplying weapons to continue ‘senseless war” in Europe and make peace in Yemen, Afghanistan, Iraq and Syria to save the world in 21st century from China.
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Post translated in Hindi

BARACK OBAMA’S ARAB SPRING HAS “RESHAPED THE WORLD” NOT PUTIN’S WAR

इंग्लैंड के पत्रिका दी न्यू स्टेट्समैन में जेरेमी क्लिफ ने लेख “पुटीन्स वॉर विदाउट एंड” में दस बिंदुओं के साथ यह तर्क दिया है कि पिछले “छ: महीना मे दुनिया बदल गई”

क्लिफ ने अपने लेख में लिखा है कि पुटीन ने कई वर्षो से पश्चिमी देश को अपनी बरबादी को इनकार करने का आरोप लगाया है। क्लिफ ने लिखा कि चीनी बूद्धिजीवी कहते है “यूरोप और अमेरिका को इस बात का अहसास नहीं है कि हाल के दशकों में दुनिया मे कई नए और शक्तिशाली केंद्र बने हैं, जो अपनी राजनीतिक संस्थान तथा विकास की योजना बना कर तरक्की कर काम रहे हैं।”

मेरा कहना है कि यह यूक्रेन-रूस युद्ध नहीं है, जिसने दुनिया को बदल दिया है, बल्कि ओबामा के “अरब सप्रिंग” ने 21वीं सदी में दुनिया को बदला है।मेरा विश्लेषण यह है कि ओबामा का 2011 मे अरब सप्रिंग कर मुस्लिम देशो के स्थिर सरकार को बरबाद करना और 2014 में भारत में घोर दक्षिणपंथी सरकार की स्थापना, अमेरिका और पश्चिमी देशों की दो बडी बेवक़ूफ़ी ने दुनिया को बदल दिया।

2011 मे ओबामा ने यह अनुमान नहीं लगाया था कि सऊदी अरब के बादशाह अब्दुल्लाह की मृत्यु के बाद जनवरी 2015 में एक महान अरब दूरदर्शी सलमान सऊदी अरब के बादशाह बनेंगे।

26 जनवरी 2015 को ओबामा की चार दिवसीय भारत यात्रा ने एशियाई देशों को पश्चिमी शक्तियों के खिलाफ कर दिया।ओबामा के भारत दौरा के बाद शाह सलमान ने अगस्त 2015 में पुतिन को सीरियाई युद्ध में प्रवेश करने के लिए कहा और सऊदी अरब और यूएई ने सीरिया से अपने को निकाल लिया।

मेरा मानना है कि सीरिया में पुटिन को आमंत्रित करने के शाह सलमान के निर्णय ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया मे चल रहे सत्तर साल के सत्ता समीकरण को बदल दिया, न कि पुटिन के यूक्रेन युद्ध ने बदला।दुर्भाग्य से, लीबिया, ट्यूनीशिया, सीरिया, इराक, यमन अभी भी ओबामा के 2011 की बरबादी से पीड़ित हैं।

पुटिन के यूक्रेन युद्ध ने पश्चिमी देशों में अभूतपूर्व ऊर्जा संकट पैदा कर दिया है जो अगले 5-6 सर्दियों तक यूरोप भूगते गा और अर्थव्यवस्था को बरबादी होती रहे गी।यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से गैस की कीमत 6 से 8 गुना बढ़ चुकी है,महंगाई बढ़ रही है, बेरोजगारी ज्यादा है, लॉजिस्टिक्स की समस्या ने स्पेयर पार्ट्स की कमी पैदा कर दीया है, बैंक की ब्याज दर बढ रहा है।

अब बाइडेन को हथियारों की आपूर्ति दुनिया मे बंद करना होगा और यमन, अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में शांति स्थापित करना होगा।यूरोप में ‘senseless war’ को बंद करना होगा ताकि 21वीं सदी में चीन से दुनिया को बचाया जा सके।