Post of 20 June 2023

1990 मे सोवियत संघ के विघटन के बाद, पिछले 30 वर्षों में अमेरिका दुनिया मे एकध्रवीय ताक़त बना रहा और इराक़, अफ़ग़ानिस्तान, फ़िलस्तीन और अफ़्रीका के मुस्लिम देशों मे मार-काट करता और करवाता रहा।अमेरिका के एकध्रुवीयता से एशिया और अफ़्रीका में शांति स्थापित नहीं हुआ बल्कि मार-काट और आतंकवाद को बढ़ावा दिया।

पिछले एक दशक में, बराकईज़्म (Barackism) ने अरब स्प्रिंग कर मुस्लिम देशों मे एक नये क़िस्म का आतंकवाद पैदा कर दिया जिस से लाखों लोग दुनिया मे रिफ्यूजी/शरणार्थी हो गये। मगर 2017 में ट्रम्पिज़्म (Trumpism) के आगमन के कारण, पश्चिमी देशों के झूठे मानवाधिकार के नारा और ब्रांड अमेरिका (Brand America) को बहुत बड़ा नुकसान हुआ।

2013 मे शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति बने और जनवरी 2015 मे सऊदी अरब में सलमान बादशाह बने।इन दोनों नेताओं ने पश्चिमी देशों और अमेरिका द्वारा बनाए एकध्रुवीयता को चुनौती देना शुरू किया।बराकईज़्म और ट्रम्पिज़्म के कारण अमेरिकी प्रभुत्व वाली विश्व व्यवस्था ख़त्म होती दिखाई देने लगी।

पिछले 8-10 साल मे बीजिंग अपनी सैन्य और सामरिक क्षमताओं को मजबूत करते हुए वैश्विक ताक़त बन गया और सऊदी अरब तेल के पैसा से विश्व की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख शक्ति बन गया है।

पिछले दशक मे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मुखर राजनीति को अपनाया, चीन के क़रीब गये और मुस्लिम देशों से संबंध अच्छा किया और OPEC+ में जाकर रूस ने भी विश्व शक्ति के रूप में अपना दर्जा वापस पाने की कोशिश की है।

अभी भी दुनिया मे 80 देशों और 750 जगह मे अमेरिकी सैन्य तैनाती है जबकि चीन का केवल Red Sea के देश जिबूटी में सैन्य तैनाती है मगर अमेरिका के भू-राजनीतिक में दबदबे को मिडिल ईस्ट, रूस, चीन और तुर्की ने ख़त्म कर दिया।

अब तो यूक्रेन लड़ाई ने ब्रांड अमेरिका को यूरोप में भी चरमरा दिया। झक मार कर कल अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने फिर पॉच साल बाद हॉगकॉग, यूगुर, ताईवान, क्वाड सब भूल कर चीन से दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया।

#Note: पॉच साल बाद, चीन के प्रधानमंत्री ली चिंग अपने छे (6) यूरोपियन देशों के यात्रा में आज जर्मनी पहुँचे हैं जहॉ उन का जर्मन चांसलर शुल्ज़ ने रेड कार्पेट स्वागत किया।
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Some comments on the Post

Jitendra Singh सबसे बड़ी शाबासी का हकदार चीन है। उसकी हिकमते अमली देखिए। उसे कहीं गोली बारी, जंग युद्ध वार नही करना पड़ा। वो बम बारूद से कुछ डिस्ट्रॉय नही किया, उल्टा कंस्ट्रक्शन कर कर के पूरी दुनिया पे छा गया। उसकी मैन्युफैक्चरिंग की ताकत इतनी है कि उसके बिना उसके दुश्मनों (भारत और अमेरिका) का भी गुजारा नहीं हो सकता। अमेरिका अपना दाहिना पैर हमेशा किसी न किसी गड्ढे में फंसाए रखा, उसकी सोच थी कि मिलिट्री सुप्रीमेसी से नंबर वन बने रहेंगे। पर इसमें काफी मनी बर्न होता है, अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, होते हुए यूक्रेन में उसकी दाहिनी टांग फंसी है। अब ये टांग कटेगी। एक पैर पे भंगडा करेगा अमेरिका। उसकी इकोनॉमी, मिलिट्री हथियार वगैरह सब एक जेनरेशन पीछे हो गए हैं।

  • Mohammed Seemab Zamanबहुत शांदार कॉमेंट किया है। यही हक़ीक़त है चीन ने कहीं जंग नहीं किया और आर्थिक तरक़्क़ी कर के मिलिट्री सुप्रीमेसी भी क़ायम कर लिया। इस का Belt & Road Initiative (BRI) इस को 21वी शताब्दी का सुपर पावर बना दे गा
  • Jitendra Singhचीन ने जो भी दुनियाभर में बनाया है चाहे सड़क हो, रेल हो, हर देश को साथ ले के बनाया है। जब बिना लड़े ही उसका काम चल रहा तो क्यों लड़ेगा। थोड़ी बहुत ताकत का मुजाहिरा दुनिया के सामने करने के लिए छोटा सा गलवां, तवांग, देपसंग और डोकलाम कर देगा। दुनियां भी देखी कि इंडिया जैसे सुपर पावर को भीगी बिल्ली बना दिया।

एम एम हयात अमेरिका ने कहा है कि उसे ताइवान की स्वतंत्रता से कोई मतलब नहीं है तो अब क्या लगता है क्या अमेरिका अपना आशीर्वाद मोदी के सर पर रखेगा या नहीं

  • Mohammed Seemab Zamanजी कई बार ब्लिंकन अपने आज के प्रेस कांफरेंस मे यह बात बोले हैं कि ताईवान के स्वतंत्रता से कोई मतलब नही है, वह चीन का हिस्सा है और हम वहॉ शांति चाहते हैं क्योकि दुनिया का 70% Semi-conductor ताईवान दुनिया को देता है।

Javid Ikbal Mohammed Seemab Zaman Sir हमको यही फिक्र था के अगर दोनों देशों मे दोस्ती या समझौते से बात हो जाएगी तो बीच वालों का क्या होगा? गर्मी बहुत है. पहाड़ों पर बर्फ अब बर्फ जोरों से पिघल रही है. देखे सैलाब कहा आता है.

  • Mohammed Seemab Zamanबीच वाले को समझ मे ही नही आ रहा है कि किस तरफ जायें। शेर को दो तीन बार पढिये, और बीच वाले को समझाइऐ।
  • Sarfaraz Nadwi, Mohammed Seemab Zaman buhut khoob, jitni gehrai s sher padhenge utni hi jaldi samjh m ajayega,قتل حسین اصل میں مرگ یزید ہےاسلام زندہ ہوتا ہے ہر کربلا کے بعدتاریخ کا جتنا مطالعہ کیا جائے خاص کر لاسٹ کی سو سالہ تاریخ کا، جس میں عالمی طاقتوں نے مسلم دنیا میں خونچکاں کھیل کھیلے، اور ان کو اپنے معمولی مفاد کی خاطر تاریخ کا حصہ بنا دیا ، اتنی ہی اس شعر کی معنویت کھل کر سامنے آئے گی۔جزاکم اللہ خیر الجزاءاللہ سلامت رکھے، خوب توفیق دے، برکت دے، آمین

Saurabh Prasad पूरे विश्व राजनीति में भारत की कहीं कोई बिसात नहीं है। एक गांधीवादी मुखौटा रख के थोड़ा बहुत सहानुभूति बटोर लेता था विश्व में, यहां के नेता कंधा झुका कर रखते थे तो बड़े बड़े देश थोड़ा बहुत तवज्जो दे देते थे।

जब से मोदी ने खोखला ढोल बजाना शुरू किया, थोथा चना बाजे घना वाला चरित्र दिखाना शुरू किया भारत ने वो सहानुभूति वो असर खो दिया। आज भारत पर कोई समस्या आएगी तो कोई साथ खड़ा नहीं होगा।

मुसलमान,इस्लाम के खिलाफ बोलकर, दंगे करवाकर, जेनोसाइड का प्लान करके सारे इस्लामिक जगत में खुद को दुश्मन बना लिया है।आज न कल ईसाई यहूदी मुसलमान एक हो जायेंगे, कम से कम धर्म के नाम पर नहीं लड़ेंगे लेकिन ब्राह्मण धर्म में ऊंची जाति वाले अपने ही धर्म के नीचे जाति वालों पर जुल्म अत्याचार करते रहेंगे। उन्हें नीच बताते रहेंगे। इस कारण भविष्य में बड़ी तथाकथित हिंदू आबादी धर्म परिवर्तन करेगी।

इस्लाम, यहूदी, ईसाइयत के आगे ब्राह्मण धर्म की कोई औकात नहीं है।

  • Mohammed Seemab Zaman आप ने सच्चाई लिखी है, खोखला ढोल बजाने को चक्कर मे अपने छुपे चरित्र को उजागर कर दिया और पूरे एशिया का कान खडा हो गया, “अरे अब यह दूसरा चीन”।भारत पर चीन का विस्तारवादी होने पर कोई मूल्क ने हम से सहानुभूति नही देखाया और न भविष्य मे देखाये गा क्योकि यह मुस्लिम के खेलाफ बोल कर इस्लामिक जगत को चौकन्ना कर दिया।अभी सौ साल चीन का समय रहे और इस्लामिक जगत उस को सपोर्ट करे गा क्योकि उस से कभी लडाई इस्लामिक दुनिया को नही हुई है।

Salimuddin Ansari हमारे वाले जा रहे हैं अमेरिका। सुनते हैं वहां से ड्रोन खरीदेंगे।चीन ने जो हमारी ज़मीन हथयाई है अब उस का क्या होगा?

  • Mohammed Seemab Zaman जी वहॉ से ड्रोन खरीदे गें क्योकि खुद नही बनाया। जबकि तुर्की की आबादी 8 करोड है और 2021 मे तुर्की के ड्रोन से अज़रबाइजान ने अरमेनिया को हराया।ईरान की आबादी भी 8.7 करोड है और ईरान के ड्रोन से रूस यूक्रेन मे लडाई लड रहा है।
  • Rukmanath Paudel Mohammed Seemab Zaman हमें ताे परलाेक की चिन्ता है, लेकिन वहाँ पहुँचने के रास्ताें (मजहव) काे साफ रहने के नाम में मैला करते ही फुरसत नहीं है !!