यह देखिये बीबीसी हिंदी की संवाददाता सरोज सिंह लिखती हैं कि फ्रांसीसी सामान का बहिष्कार मुस्लिम देशो का आपसी झगडा है। सरोज साहेबा को दिन रात भारत के हिन्दी पौलिटिक्स मे रहने और लिखने की आदत है मगर लगी विदेश पर लिखने और वह भी अभी के सिरियस विषय पर। यह लोग समझते है जो नैरेटिव बना दे गे वही लोग समझ ले गा।
इन्होने पूरा मज़मून मे अलग नैरेटिव बताया है और कोई डेटा नही दिया है। इन का ऐडिटर कौन है जो ऐपरूव किया इन के घटिया लेख को। एक तो हिन्दी पत्रकारों की आदत है जब भी कोई मुस्लिम पर लिखे गा सऊदी अरब को बीच मे लें आये गा।सरोज भी सऊदी के कारफ़ुोर सुपर मार्केट का नाम लिखा के बिक्री कम नही हुई। इन को पता नही है कि मिडिल ईस्ट मे फ्रांस का जिऑ (Geant) सुपर मार्केट और सऊदी फ़्रांसीसी बैंक भी पार्टनरशीप मे है। इस से ज्यादा हम नही लिखे गे।
हम France 24 के बिज़नेस एडिटर का रिस्रच सूना फ्रांस 1.3 billion का केवल डेरी प्रोडक्ट और €11.3 billion का कौसमेटिक्स और दूसरी चीज केवल Middle East यानी सऊदी, यूऐई, कतर, कोवैत मे बेचता है।ईरान-इराक़ और तुर्की मिडिल ईस्ट मे नही है। सरोज सिंह को हम बता दे फ्रांस का 70% महगॉ पर्फ़्यूम मिडिल इस्ट मे बिकता है जब कि सरोज ने Loreal का तस्वीर दिया है बाकि फ़्रेंच कौसमेटिक्स का नाम शायद पता नही हो।
सरोज सिंह ने प्रोफेसर महापात्रा और प्रोफ़ेसर जोसेफ़ बायलट को अर्थव्यवस्था का जानकार बता कर अपने लेख को वज़न देती हैं और लिखती है मुस्लिम देश आपस मे फ्रांस के सामान से लडाई लड रहे हैं।इस जाहिल को पता नही है कि $200 billion का लडाई का सामान सिर्फ सऊदी अरब अमेरिका से ख़रीदता है।यमन की लडाई को मुस्लिम देश की लडाई समझ रही हैं, उस से ज्यादा तो हिन्दुस्तान मे दंगा और नक्सल मे मर जाता है।
सरोज सिंह को पता नही होगा दस साल पहले डेनमार्क ने कुछ इसी क़िस्म की “गुस्ताखी” किया था तो अरब दुनिया ने डेनमार्क के डेरी इंडस्ट्री को तबाह कर दिया।तीन साल पहले कनाडा को सऊदी अरब ने सबक सिखाया था अपने सारे लड़कों को कालेज और यूनिवर्सीटी से वापस बूला लिया और हौस्पिटल से मरीज़ तक को एयर एम्बुलेंस से अमेरिका के हौस्पिटल मे ले गया।इस साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने माफ़ी मॉगा।
सरोज सिंह आप भारत के धुर्वीकरण राजनीति पर लिख कर नैरेटिव बनाये हम को कोई शिकायत नही है मगर विदेश मामले मे खास कर इस्लाम के serious sensitive मामले मे बेगैर जानकारी के अनपढ़ के तरह लेख लिख कर नैरेटिव नही बनाये और बीबीसी ऐसे प्रतिष्ठित पोर्टल को बर्बाद नही किजये।
Facebook Post of 28-10-2020