2nd February 2021 on FB
Parmod Pahwa साहेब आप को याद होगा जब सिखों ने किसान आंदोलन दिल्ली मे शुरू किया था तो हम ने आप ही के पोस्ट पर लिखा था “यह किसान आंदोलन Waterloo (वाटरलू) हो गा सरकार के लिये”। बाद मे यह भी लिखा है भविष्य के सरकार के लिये यह बिल #नासूर होगा।
राकेश टिकैत तो बाद मे आये और यह योगेन्द्र यादव उस के बाद आंदोलन मे घुसे। यह तो डगरा का बैगन है, यह कभी 2013 मे रामलीला मैदान मे अन्ना और रामदेव के साथ लिडर बन रहा था डा० मनमोहन सिंह के खेलाफ नारा लगा कर। आज योगेन्द्र अपने ही लाये सरकार के लिये Waterloo शब्द लिख रहे हैं।
पहवा साहेब आप तो पत्रकार के नाते आंदोलन cover कर रहे हैं, Please वहॉ सिखों के नेता और राकेश टिकैत को कहिये इस से दूर रहें और इस को core committee में नहीं रखें। ठीक है योगेंद्र यादव को आंदोलन मे ठेला लगाने दें, मगर मंच पर साथ न बैठायें।
इस आंदोलन की सब से बडी उपलब्धी हो चूकी, “जाट-गुजर-मुस्लिम” फिर एक हो गये और आपस का मन मिटाव ख़त्म हुआ। यह आंदोलन की पहली बडी उपलब्धी हो गई और दूसरी तिसरी भी होगी, इतमिनान रखिये।