Post of 18 October 2022

मई 2019 मे आम चुनाव हुआ और हम ने 30 अगस्त 2019 मे लिखा था कि “कुछ भी कर लो हालत नही सुधरे गा।भारत के सारे अर्थशास्त्री को जमा कर लो गे तब भी हालत नही सुधरे गा, क्योकि आज जो खबर अन्तरराष्ट्रीय बाज़ार मे है वह बहुत डिपरेसिंग है।अब एक ही रास्ता है सल्तनतें उसमानिया या मंचूरिया नस्ल मगर उस के लिए जॉकी बदलना होगा और अस्तबल बेचना होगा”

जब हम ने यह पोस्ट 2019 मे किया था तो उस वक्त कोरोना या यूक्रेन लडाई नही हुआ था मगर भारत की अर्थव्यवस्था पॉच साल मे social fabric को तोड कर और सरकारी बैंक लूट कर चुनाव जितने मे बरबाद कर दिया गया था। आठ साल से भारत का investment rating (-) है और अब कोरोना के बाद तेल और गैस के बढे दाम बरबाद अर्थव्यवस्था मे catalyst का काम करे गा।

यूरोप की अर्थव्यवस्था तेल और गैस के बढे दाम से एक साल मे दस (10) साल पिछे हो गई।सौ (100) दिन मे इंगलैड मे चार वित्त मंत्री बने, बुलगारिया मे दो साल मे चौथा चुनाव होने की संभावना है, स्वीडेन मे आठ महीना मे दो प्रधानमंत्री बने, ईटली मे एक महीना पहले चुनाव हुआ मगर अभी तक सरकार नही बनी, बाईडेन ने IMF को पैसा देने से इंकार कर दिया।यह हाल यूरोप का है, जो वर्ल्ड वार के बाद (1946) दुनिया के अर्थव्यवस्था का ठिकेदार था।

बाईडेन जब तक राष्ट्रपति रहे गें, 2024 तक यूरोप और अमेरिका की अर्थव्यवस्था तबाह होती रहे गी।वही हाल भारत का 2024 तक हो गा, कोई अर्थशासत्री भारत की अर्थव्यवस्था नही सुधार सकता है क्योकि भारत का सारा सरकारी बैंक लूट कर डूबा दिया गया, एयर इंडिया निलाम हो गया, LIC बिक गया, IDBI का कोई ख़रीदार नही मिले गा।

#नोट: भारत मे फिर “नेहरू की अर्थव्यवस्था” यानी mixed economy को जिंदा करना होगा, आरएसएस के निजीकरण को तीन तलाक़ देना होगा, दंगा करा कर GDP जलाना बंद करना होगा, अंधे हो गये दिल मे रौशनी लानी होगी, #भारत_जोड़ना होगा।

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Post of 30 August 2019


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Comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman भारत के साथ जो बरबादी हुई, वह सही हुआ। वरना यह अफसोस रह जाता की RSS की सरकार नही बनी वरना हम लोग विश्वगुरू हो जाते। अब 20-25 साल लोग संध की सरकार और विश्वगुरू का नाम नही लें गें। संघ पिछले चालीस साल से confused नीति के कारण देश के सामाजिक ताना बाना को बरबाद कर दिया और अंतोगत्वा देश को बरबाद कर दिया।आज हम चीन पर एक पोस्ट करें गें।

  • Shahid Hussain, Mohammed Seemab Zaman चीन अपने पार्टी के लोगों को सम्मेलन में गलवान पर वीडियो दिखाकर क्या संदेश देना चाह रहा है.

Shalini Rai Rajput देश को बर्बाद मुगलों और नेहरू ने किया – संघ विचार

  • Mohammed Seemab Zaman संघ तो भारत को ले डूबा, लेकिन जो हुआ वह सही हुआ। अब तो “नेहरू के अर्थव्यवस्था” भारत को फिर अपनाना हो गा। रेलवे को पुन: भारतीय रेल बनाना होगा, BSNL को ज़िंदा करना होगा, 12 बचे सरकारी बैंक को फिर मज़बूत करना होगा, ONGC के तरह 4 कम्पनी नई बनानी होगी, SAIL का पूनर्गठन करना होगा.
  • Shalini Rai Rajput, Mohammed Seemab Zaman साहेब उसके लिए जॉकी बदलना होगा.

Asif Malik गज़ब लिखते हे आप सर जी.

Anil Kurvanshi Ji bilkul.

Farrukh Md Ali यानी न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी.

Prateek Rao जब तक हकीकत का लोकतंत्र पुनः जीवित नहीं होगा, कुछ नहीं हो सकता. तबतक हम सब अभिशप्त रहेंगे

Kamil Khan यहाँ बहुसंख्यक समाज का ताना बाना बहुत अजीब है , यहाँ अपर क्लास सवन जाति के दिमाग में है के हम अपने बच्चों को विदेश भेजकर अपना काम चला लेंगे और obc sc st का मिजाज़ अफ्रिका के जंगल मे रहने वाली जंजाति वाला है, घाँस फूंस खा कर चूहा छछुन्दर खाकर गांजा भांग धतूरा देसी कच्ची दारू पी कर जिंदगी बसर कर सकते हैं , इनके भविष्य को लेकर कोई सपने ही नहीं हैं.

Shambhu Kumar बेगैर दश्ते क़ैस के गुज़ारा नही है लैला का।
“उल्फ़त न सही नफरत ही सही
हम यह भी गवारा कर लें गें”
आ मेरे ग़म को मिटाने के लिए आ!, आपका ही कमेंट है साहेब.

Abdul Bari इतना बड़ा ऑर्गेनाइजेशन जिनकी पैठ मुझे लगता है दुनिया के ज्यादातर बड़े इदारे मे है क्या इन्हे नही मालूम था और है कि दुनिया किधर जा रही है । मुझे लगता है इन्हे सब कुछ पता था और है भी लेकिन बरसो पार्कों मे तपस्या के बाद यह दिन उन्हें मिला है तो इतनी आसानी से कैसे जाने दे । जब से दुनिया बनी है कुर्सी के लिए न जाने किस किस की बलि दी गई है और हमारे यहा तो बकायदा यह विधि विधान से किया जाता आया है । वैसे आप सही कहते है बहुत अच्छा हुआ पिछले 8 सालो से संघ की gov है वरना मलाल ही रह जाता।

S M Taqui Imam एक अब्दुल को बर्बाद करने के चक्कर में संघी और मोदी जी ने पूरे देश का बेड़ा गर्क कर दिया। इतनी बड़ी जीत mandate के बाद अगर मोदी जी चाहते तो देश को चीन से भी ऊपर लेकर जाते। क्योंकि मनमोहन सिंह जी ने देश में आर्थिक सुधार लाकर देश इनके हवाले किया था। मगर पहले नोटबंदी लाया, अब्दुल के पास नोट था नहीं, बर्बाद हुए ग़ैर अब्दुल। GST लाया, अब्दुल पंचर बनाता था और कोई व्यापार उसके पास नहीं था, फिर छोटे व्यापारी बर्बाद हुए वह भी ग़ैर अब्दुल थे। हाँ वोट माँगा था अब्दुल को सबक़ सिखाने के नाम पर। वोट मिला भी मगर देश के बहुसंख्यक आबादी बर्बाद हो है और साथ में अब्दुल भी। ये नकारात्मक सोंच ही इनका देश को ले डूबा। देश के विकास पर एक मिनट नही सोंचा, सिर्फ़ चुनाव और भाषण और विपक्ष की सरकार गिराने में और देश की संपत्ति जिसे कोंग्रेस ने बनाया था 70 साल में उसे बेचने में पूरा 8 साल गुजर दिया और संघ मोदी जी की पीठ थपथपाते रहे। और देश वासी मूर्खों की तरह मोदी मोदी के नारे लगाते रहे।