Post of 9th July 2021

हमारे बहुसंखयक संघीतकार बूद्धिजिवी और नेता लोगो की आदत बन गई थी भारत मे मोग़ल बादशाहों और अंग्रेज के बनाये शहर, भव्य एमारत, रेलवे स्टेशन इत्यादि का नाम पता बदल कर हिन्दु या हिन्दी नाम रख कर विश्वगुरू बन्ने का।

उसी कड़ी मे ब्रिटेन के बनाये वैकसीन “आस्ट्राज़ेनिका” का नाम बदल कर “कोविशिल्ड” रख कर मेड इन भारत का लेबल लगा दिया।

“देसी भैकसीन” समझ कर भारत मे शुरू मे किसी ने नही लिया। अगर सरकार वैकसीन का नाम नही बदलती तो हम लोग शुरू ही मे “विदेसी भैकसीन” जान कर खुशी खुशी ले लेते और कोविड का नया Strain Delta भारत मे नही पैदा होता और दुनिया इंडियन वैरिएंट कह कर हम को पूरी दुनिया मे बदनाम नही करती।

दुनिया के 100 से अधिक देश मे यह इंडियन वैरिएंट फैल गया जिस का नाम ग्रीक अलफाबेट “डेल्टा” दे कर मेरे भारत के नाम का इतिहास रच दिया गया। बदले नाम के कारण, नतीजा यह हुआ के मेरे कोविशिल्ड वैकसीन को दुनिया “वैकसीन पास्पोर्ट” भी नही मान रही है।

Tokyo Olympic 2020 मे भारतीय खेलाडियो को वैकसीन के बावजूद दस (10) दिन का कोरेंटाईन करना पड रहा है। खेलाडियो को स्टेडियम मे प्रैक्टिस केवल तीन दिन करने दिया जा रहा है।कल जापान ने Delta variant के कारण टोक्यो मे emergency लगा दिया और औलम्पीक बिना दर्शक के करने का फैसला कर दिया।

अब इतिहास मे भारतीय डेल्टा वैरिएंट भी सैकडो साल कोविड और स्पैनिश फ्लू की तरह याद किया जाये गा और इतिहास मे भारत को भी दुनिया के बरबादी का कारण कहा जाये गा। भगवान ने भारतीय संघीतकारो को नाम-पता बदलने का बहुत बडा सबक सिखा दिया।

The Economist, London ने अपने आज के नये अंक मे KAL’s Cartoon डेल्टा वैरिएंट को टोक्यो औल्मपिक 2020 के बरबादी का कारण बताया है।

(India changed the name of British vaccine AstraZeneca to Covishield and created a new history Delta variant)