Post of 28 November 2023
दो दिन पहले एक वीडियो कृष्णन अय्यर (Krishnan iyer) साहेब के वाल पर देखा जिस में भारतीय “साहित्य” पर बहस देख कर हम को वह सबूत मिल गया जो हम 5-10 साल से लिखते आ रहे हैं कि “उर्दु नाम वाले भारतीय हिन्दी और अंग्रेज़ी मीडिया देख कर अपने ज़हन को गंदा बना दिया है.”
इस वीडियो में देखये 21वी सदी में किस मुद्दा पर बहस हो रहा है जब चीन हमारे देश का नक़्शा LOC को LAC बना कर बदल रहा है।
‘साहित्य आजतक 2023′ के बहस मे भारतीय वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द मोहन, अशोक पांडे, प्रोफेसर संगीत कुमार रागी और त्रिपुरदमन सिंह ने भाग लिया।बहस की एंकर थीं, आजतक की बुद्धिजीवी चित्रा त्रिपाठी।
एक जगह प्रोफ़ेसर रागी ने कहा कि अम्बेडकर ने अपनी किताब में लिखा है कि “Theology of Islam does not permit it (One Nation)” जब की रागी को शायद पता होगा कि अम्बेडकर “इस्लाम घर्म” क़बूल करने वाले थे तब गांधी ने बोला कर कहा तुम कोई धर्म क़बूल करो मगर इस्लाम नहीं।अम्बेडकर उस के बाद सात साल तक Bargain करते रहे और संविधान में आरक्षण लेने के बाद 1956 में 20 संकल्प के साथ बुद्ध धर्म अपनाया जिस मे स्नातन धर्म के खिलाफ पहला पॉच संकल्प है, जो आज भी दशहरा के अवसर पर संघ के शहर नागपुर में पढ़ा जाता है।यह हैं “Illread” संगीत रागी जो अम्बेडकर को “इस्लाम” पर कोट कर रहे हैं।
“भारतीय साहित्य” के बहस के आख़िर में भारत के भविष्य के बुद्धिजीवियों के ज़हन और ज़बान को देखये।एक प्रोफ़ेसर दूसरे को “झूठा”, “अनपढ़” (illread) और “अशिक्षित” (you are uneducated) कह रहा है तो दूसरे अशोक पांडेय “तुम बेसिकली इडियट हो”(you are idiot basically) कह रहे हैं।
देखये इन का ज़हन, कितना असभ्य भाषा यह लोग बोल रहे हैं मगर यह लोग बहुसंख्यक समाज के प्रोफ़ेसर और बुद्धिजीवियों का टैग लगा कर अपनी बात रख रहे हैं।
#नोट: उर्दु नाम वालों भारतीय मीडिया के बनाये खबर और विडियो से इल्म नहीं सिखों।खुद किताब अपनी पढ़ो, इतिहास अपना लिखा पढ़ो।अरबी, फ़ारसी, तुर्की, उर्दु में लिखे किताब का अध्ययन करो।