अमेरिकी राष्ट्रपति बाईडेन के सलाहकार अमेरिकी तकनीकी समूहों Microsoft, Amazon, आदि को संयुक्त अरब एमारात (UAE) के साथ Artificial Intelligence (AI) में साझेदारी करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि एक ऐसा गठबंधन विकसित किया जा सके जो क्रांतिकारी तकनीक विकसित करने में चीन के बढ़त को रोक सके।
#इस सप्ताह, Microsoft ने यूएई की AI कम्पनी G42 में $1.5 billion निवेश की घोषणा की। G42 के अध्यक्ष यूएई के अमीर के छोटे भाई शेख तहनून बिन जायद हैं जो trillion-dollar के UAE Sovereign Fund के अध्यक्ष भी हैं।
बाईडेन सरकार ने यूएई के निवेशकों और कंपनियों तथा Microsoft, Google, OpenAI सहित अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के बीच कई बैठक यूएई में कराई उस के बाद यूएई ने Microsoft के सौदे को अंतिम रूप दिया।
यूएई ने AI सौदा के लिए MGX नाम से एक फंड लॉन्च किया है जो अनुसंधान और विकास पर अरबों डालर खर्च करे गा। OpenAI के सैम ऑल्टमैन और चिप्स बनाने वाली Nvidia के जेन्सेन हुआंग सहित AI के दूसरे लोग यूएई के हर महीना यात्रा कर रहे है।
#कल की खबर थी कि टेस्ला के एलोन मस्क ने अपना 21-22 अप्रैल का भारत दौरा स्थगित कर दिया जिस की चर्चा दस दिन से भारतीय आर्थिक जगत में थी। हल्ला तो यह था कि मस्क $10 billion भारत में निवेश कर अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद टेस्ला कार भारत में बनाये गें।इसी लालच में भारत सरकार ने पिछले महीना एलेक्ट्रिक गाड़ी (EV) के आयात पर शुल्क कम कर दिया, मगर मस्क ने ड्रामेबाज़ी कर भारत नहीं आये।
अफ़सोस की बात यह है कि हम लोग दस साल हिन्दु-मुस्लिम, बराक-बराक, हाऊडी मोदी, नमस्ते ट्रम्प तथा प्रवासी भारतीयों को ढोल पिट कर स्टेडियम में नचाते रहे और नाचते रहे और भारत माता की जय का झूठा नारा लगवाते रहे मगर न यूरोप से कोई मल्टीनेशनल कम्पनी भारत आई न ही कोई ढोलक पर नाचने वाला प्रवासी भारतीय आकर भारत में निवेश किया।
मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जो दस साल मे 18 बार खाड़ी देशों की यात्रा किया जिस में केवल 7 बार यूएई गये और यूएई के अमीर का अहमदाबाद में रोड शो भी किया मगर आज तक एक पैसा भी खाडी देश से नहीं आया बल्कि भारत से लाखों लोग मज़दूरी करने यूएई गये और वहॉ भव्य एमारत बना रहे हैं।
#नोट: जून मे चुनाव के बाद जो भी सरकार बने, मेरा कहना है कि कोई विदेशी निवेशक भारत नहीं आये गा और न कोई बड़ी रिफ़ाइनरी या फर्टिलाइज़र कारख़ाना लगे गा, बेरोज़गारी और ग़रीबी बढे गी, क्योंकि दुनिया देख रही है कि दस साल में सामाजिक ताना-बाना बिखर गया है, संघ द्वारा दो मस्जिद ज्ञानवापी और मथुरा को उड़ाने का देशव्यापी अभियान बाक़ी है और चीन भारत मे विस्तारवादी हो गया है।