Post of 15 October 2023
रूस की राज्य परमाणु ऊर्जा एजेंसी Rosatom (रोसाटॉम) और बुर्किना फासो ने Atomic Power Plant के लिए समझौता पर हस्ताक्षर किया है।रोसाटॉम ने कहा है कि “यह ज्ञापन रूस और बुर्किना फासो के बीच परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के क्षेत्र में पहला दस्तावेज है।”
यह सौदा जुलाई में सेंट पीटर्सबर्ग में रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के दौरान बुर्किना फासो के कैप्टन इब्राहिम ट्रोरे द्वारा रूसी राष्ट्रपति पुटिन से किए गए अनुरोध के बाद हुआ है।
बुर्किना फासो की आबादी दो करोड़ है और Copper, Iron, Manganese, Gold, Tin, Phosphates आदि खनिजों के लिए जाना जाता है जो फ़्रांस की एक कॉलोनी थी मगर फ़्रांस ने कभी यहॉ न्यूक्लियर प्लांट नहीं लगाया जबकि फ़्रांस माली और निजेर के यूरेनियम से अपने यही 40 से ज़्यादा परमाणु ऊर्जा संयंत्र तथा 60 न्यूक्लियर पंडूब्बी बनाये हुआ है।
तीन साल मे अफ़्रीका के 7 देशो में फ़ौज सरकार का तख्ता पलट कर सत्ता में आई है।सुडान छोड़ कर सभी 6 देश फ़्रांस की कॉलोनी थी। 1956-60 के बीच यह सभी देश फ़्रांस से आज़ाद हो गये मगर फ़्रांस वहॉ अप्रत्यक्ष रूप से अपना क़ब्ज़ा बनाये हुआ था और इन देशों के खनिज पदार्थ का शोषण करता रहा। फ़्रांस में यूरो (€) मुद्रा है मगर इन देशों में अभी भी फ़्रांस का पूरानी मुद्रा फ़्रैंक चलता है।
पिछले कई वर्षों से तुर्की, यूएई और रूस ने अफ़्रीका के मुस्लिम बाहुल्य देशो मे फ़्रांस के प्रभाव को धीरे धीरे खत्म कर दिया है।माली और निजेर मे भी सेना ने तख्ता पलट कर फ़्रांस के दूतावास तथा फ़ौज को देश निकाल किया है।
2003 मे अरदोगान जब पहली बार तुर्की के प्रधानमंत्री बने तो कूटनीतिक प्रयास के तहत अरदोगान ने लगभग 30 अफ्रीकी देशों की 50 से अधिक यात्राएँ की और अफ़्रीका मे तुर्की का 44 दूतावास खोला, जिस से अफ़्रीका से व्यापार मे बहुत मद्द मिला।तुर्किये का व्यापार अफ्रिकी देशों से 2003 में $5.4 billion से बढ़कर 2022 मे $41 billion हो गया।
#नोट: हम ने पहली बार बुर्किना फासो का नाम 1995 मे सुना था जब नरसिम्हा राव भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे जो 1995 मे बुर्किना फासो गये था।