Post of 29 June 2023
جذبِ حرم سے ہے فروغ انجمنِ حجاز کا
اس کا مقام اور ہے، اس کا نظام اور ہے
मोहम्मद बदिउज़्ज़मॉ साहेब ने अपनी किताब “इकबाल की जोग़राफियाई और शख़्सियतओं से मंसूब इस्तलाहात” में इक़बाल के हिजाज़ के इस शेर मे “जज़्बे हरम” से इश्क़ रसूल में इंतहाई गरवेदगी और उस इश्क़ की वजह कर दीन इस्लाम से सर बुलंदी का जज़्बा मुराद लिखा है, जिस का मुक़ाम और निज़ाम बहुत बुलंद पाया है। “अंजुमन हिजाज़” से मिल्लते इस्लामिया मुराद लिखा है।
तीन साल के बाद इस साल हिजाज़ (सऊदी अरब के मक्का का एलाक़ा) में पूरी दुनिया के तक़रीबन 25 लाख मुस्लमानो ने हज के रस्म की अदायगी किया।ज़मॉ साहेब लिखते हैं कि “इस हिजाज़ से इस्लाम की अमूमन और उम्मते मोहम्मदी की सारी तारीख़ वाबिस्तह रही हैं।”
अल्लाह ताला ने क़ुरआन के सूरह हज के 27वें आयत में कहा है “अज़न फिन नास” यानि लोगों में हज की मुनादी (एलान) कर दो……..
सऊदी अरब ने इस साल हज के मौक़ा पर आज एक डाक टिकट निकाला है जिस मे अरबी मे “अज़न बिल नास” लिखा है और काबा की तस्वीर दिया है।
#नोट: अल्लाह से दुआ है कि अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त सभी हाजियों की हज और दुआ को क़बूल करे (आमीन, ताहा व यासीन)
“ज्ज़बे हरम से है फ़रोग़ अंजुमन हेजाज़ का
इस का मुक़ाम और है, इस का निज़ाम और है” (इक़बाल)