Post of 16th october 2021

चीन-भूटान ने “सीमा समझौता” करने के लिये मेमोरैंडम ऑफ अंडरसटैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किया है।हिमालय पर्वत मे भूटान चीन और भारत के बीच मे आठ लाख आबादी वाला एक बफर स्टेट है जिस के पास किमती लकड़ी, जिपसम, कौपर और दूसरा खनिज पदार्थ बहुत है। 2000 MW हाईड्रो एलेक्ट्रिक उर्जा पैदा करता है और भारत, बंगलादेश को बिजली देता है।

भूटान को चीन से राजनयिक संबंध नही है और न ही रूस, अमेरिका, फ्रांस या इंगलैड की ईमबैसी है।भूटान मे केवल भारत, बंगलादेश, बेलजियम और कौवैत की ईमबैसी है।

चीन ने कहा है कि वह जल्द भूटान से अपना सीमा विवाद हल कर के हिमालय पर्वत मे अपना नया नक्शा जारी कर भूटान मे दूतावास खोले गा।चीन सुपर पावर और विश्वगुरू बन्ने के बाद पिछले दस साल मे रूस, वैटनाम, कजाकिस्तान से सीमा विवाद को बात-चीत कर हल कर चूका है और अपनी सीमा बढा कर “अखंड चीन” बन चूका है।

2017 मे चीन हमारे सिक्किम-भूटान के पास डोकलम मे मुर्ग़ा खा कर, दारू पी कर तांडव कर चूका है।मगर हमारे देश मे मिस्र से आये लोग सांप्रदायिक भाषण दे कर देश कमज़ोर करने पर लगे हैं जबकि चीन गलवान और अरूनाचल मे विस्तारवादी बना हुआ है।

जिन को अपने देश की तरक्की की पड़ी होगी वो सांप्रदायिकता से सख्ती से निपटने के प्रयास करेंगे, न की विजयदशमी के अवसर पर सांप्रदायिक भाषण दे कर आनंदमयिए होंगें।दुनिया मे दस बडे बंदरगाह मे सात चीन के पास है।चीन हर पंद्रह महीना मे एक नया न्यूकिल्यर पंडूब्बी बना कर इन्डो पैसेफिक समुंदर मे तैरता है।चीन हिमालय के ब्रह्मपुत्रा नदी पर बॉध बना कर पानी रोक रहा है।

झूठे भाषण से गौरवमयिए इतिहास नही लिखा जाता।सहिष्णुता से ही देश विश्वगुरू बनता है अन्यथा “चाईनिज जेहाद” इस का फायदा उठाता रहे गा और नया इतिहास लिखे गा।