#NDTV तथा दूसरे मिडिया हाऊस ने चीन द्वारा पैंगोंग लेक पर पुल निर्माण की सटेलाईट इमेज देखाया है। मगर यह चिंता की बात नही है क्योकि अगस्त 1993 मे बाबरी कॉड के बाद पूर्व प्रघानमंत्री नरसिमहा राव ने चीन जाकर चीन को यह 325 km जमीन दस्तखत कर के दे दिया था और यह अब LAC है।यह चीन की जमीन है वह वहॉ कुछ भी करे उस का है।
#चिंता की बात यह है कि चीन शक्तिशाली होने के बाद विस्तारवादी होता जा रहा है और वह साऊथ चाईना समुंदर मे वैटनाम, मलेशिया, बरूनाई और फिलिपिन्स की जमीन/टापू जहॉ तेल और गैस बहुत है उस को अपना कह रहा है और कब्जा कर रहा है।यह बहुत दु:ख़द समाचार है (नीचे तस्वीर देखें). अमेरिका इसी के लिए AUKUS और Five Eyes बनाया है मगर इन दोनो मे भारत नही है।
#हमारे लिए पैंगोंग से बडा दु:ख़द यह है कि चीन अरूनाचल प्रदेश का नाम-पता बदल कर ज़ैंगनान कर दिया है। 2012 मे The Economist, London तस्वीर दे कर लिखता है कि चीन अरूनाचल मे 90,000 sq km जमीन पर विस्तारवादी होने की योजना बना रहा है (नीचे तस्वीर देखें)
अफसोस की बात यह है कि चीन दस साल पहले से हमारे नौर्थ इस्ट मे विस्तारवादी योजना बना रहा है मगर हमारे सभी नेता और दिल के अंधे हो गये बूद्धिजिवी गाय-गोबर मे लगे हैं। दस साल से कोई कुछ नही बोल रहा है और न लिख रहा है मगर बंगाल चुनाव मे बंदे मातरम का नारा लगा कर राष्ट्रवादी बन रहे थे।
शहज़ादा सलीम जोगी के जन्म स्थान उत्तराखंड मे भी चीन कुछ जमीन की बात करता है मगर शहजादा सलीम मोग़ल और अंग्रेज़ के बनाये शहर, महल, स्टेशन, रोड का नाम-पता बदल कर आनंदमयिए और गौरवमयिए हो रहे हैं।
चीन के विस्तारवादी नीति से, अल्लाह हमलोगों के उत्तर भारत के अखंडता पर रहम करे।
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