Post of 20th October 2021

चीन मे भारत के राजदूत विक्रम मिस्री साहेब ने कहा है कि इस साल 2021 में भारत-चीन का व्यापार $100 billion का होगा।मिस्री साहेब ने कहा जनवरी से सितंबर तक भारत और चीन के बीच $90.37 billion का ट्रेड हुआ है (लिंक कौमेंट मे पढें)

भारत ने नौ महीना मे $68.46 billion का सामान (लोहा, स्टील,कपडा, प्लास्टिक, एलेक्ट्रोनिक्स, कोविड मास्क, वेंटीलेटर दिवाली का लालटेन आदि इत्यादि) चीन से आयात किया है और $22 billion का सामान चीन के निर्यात किया है।

मिस्री साहेब ने कहा कि पिछले तीस साल मे चीन और भारत के बीच यह ऐतिहासिक ट्रेड हुआ है।मगर पिछले तीस साल मे हमारी खोखली आर्थिक स्थिति शीशे की तरह साफ है। 70% दवा, 95% सोलर पावर और 80% सिल्क हम लोग चीन से खरीदते हैं।भली करे भगवान, जो बोया है वो काटना तो पड़ेगा ही।

कितने अफसोस की बात है चीन से हम आज स्टील खरीदते हैं जबकि जमशेदजी टाटा ने 1907 मे बिहार के जमशेदपुर मे स्टील फैक्ट्री लगाई थी जिस को हम लोगो ने दो बार 1964 & 1979 मे दंगा कर के विकास बंद करवाया। आज विदेश मे टाटा 26 देशो मे स्टील बनाता है। हद तो यह था कि 1979 मे जनता सरकार टाटा स्टील को नेशनलाईज करने लगी थी जो नही हो सका।आज 40 साल बाद इसी टाटा को एयर इंडिया पैर पकड कर फ्री मे दे दिया गया।

दुनिया हम को पूराने ASEAN & RCEP मे नही बैठाती है और न आज के नये FIVE EYES & AUKUS मे शामिल करती है मगर हम लोगो को हमारे बूद्धिजिवी लोग विश्वगुरू का सपना देखाते हैं।दुनियां क्या सोचती है इस से हम को कोई प्रवाह नही है क्योकि हमारी ऊलजलूल तर्क़, दंगा-फ़साद की नीतियॉ ही हमारे समाज को गौरवमयिए बनाती है।

#नोट: गौर से नीचे तसवीर देखये गा, चीन ब्रह्मपुत्रा नदी का पानी सूख रहा है, गलवान-अरूनाचल मे तांडव कर रहा है मगर 14 नवंबर को राम जी के दिवाली उत्सव के लिय चीन से “ऊँ” लिखा लालटेन आ रहा है।

https://www.globaltimes.cn/page/202110/1236746.shtml?fbclid=IwAR2ErjjVKDbDKpFYB8eM9TswQrVObo8_CkI0jvOqYSn4xgvBqTO3Ky0-8cA
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Some comments on the Post

Syed Abid Naqvi सर, आज चीन जिस रास्ते पर चलकर यहां तक पहुंचा है भारत उस रास्ते पर चीन से कहीं तेज़ रफ़्तार से दौड़ रहा था, मैं ख़ुद उद्योग से जुड़ा रहा हूं, भारत में दुनिया का सबसे अच्छा और सबसे सस्ता चमड़ा बनने लगा लगा था, यही हाल चमड़े के सामान का था, इसके अलावा शीशा, कपड़ा, गारमेंट्स, पीतल का सामान, ज़री, क़ालीन जैसे सामानों का था, खेती में भी भारतीय परचम लहरा रहा था भारत चावल का बहुत बड़ा एक्सपोर्टर बन गया था, पशुपालन भी अपनी बुलंदियां छूने को बेताब था, और यह सब देखते देखते ख़त्म हो गया, चमड़े और कपड़े का ज़िक्र बार बार यूं करता हूँ कि इन दोनों उद्योगों से कृषि बेहद प्रभावित होती है, चार साल पहले चीन के अख़बार “शिन्हुआ’ में एक लेख छपा था जिसमें उसने यही बात कही थी जो आप कह रहे हैं, लेख में भारत का मज़ाक़ उड़ाते हुए कहा था कि इन्हें (भारत) मंदिर बनवाने से फ़ुर्सत नहीं है यह इसके अलावा कोई चीज़ नहीं बना सकते, इनसे धौंस खाना छोड़ो इन्हें सौ बार ग़रज़ होगी हमसे सामान लेने की उनकी यह बात बिल्कुल सही साबित हो रही है चीन हमारी ज़मीन पर क़ब्ज़ा किए बैठा है और हाय री मजबूरी हम उनसे सामान लेने को मजबूर हैं, यह हालत दिन ब दिन बिगड़ती जाएगी, आज अगर चीन से सामान न आए तो एक तरह से भारत बंद हो जाएगा।जय श्रीराम, गौ माता जी की जय।।

  • ActiveJaved Hasan, Syed Abid Naqvi मात्र 10 साल पहले मेड इन इंडिया चमड़े के जूते और कपड़े मिडिल ईस्ट में आसानी से हर दुकान पर मिल जाते थे अब वहां मेड इन तुर्की, बांग्लादेश की भरमार है.
  • Syed Abid Naqvi, Javed Hasan भाई अब तो बंगलादेश के कपड़े भारत में ख़ूब बिक रहे हैं।।
  • Mohammed Seemab Zaman Syed Abid Naqvi साहेब, आप ने एक एक जुमला सही लिखा है। इस पोस्ट के साथ यह कौमेंट हम ज़मानियात पर डाले गें।जनाब, एक मंदिर आठ साल मे भी यह लोग ने नही बनाया, सवाये नारा लगाने के। लेकिन जो हुआ सौ साल के सोंच वालो के वजह कर वह सही हुआ वरना अफसोस रह जाता के पटेल अगर प्रधांमत्री होते तो भारत विश्वगुरू हो जाता। अब तो बहुत मोशकिल है। बीस साल लगे गा पटरी पर लाने मे और दुनिया को समझाने मे कि हम सेकुलर हैं।

Anish Akhtar इतना सब कुछ होने के बाद ये समझ नही रहे है या समझ कर भी लगता है इनका मुस्लिम विरोध इनकी राजनीतिक मजबूरी हो गई है ओर इस मजबूरी का परिणाम सबके सामने है..

  • Masoom Faisal Masoom, Anish Akhtar Yahi asal Wajah hai।
  • ActiveMohammed Seemab Zaman, Anish Akhtar साहेब, यह अपने राईट विंग के सोंच को dilute नही करना चाहते हैं मगर विश्वगुरू का खाब देखते हैं। जो मूल्क 80-90% तेल और गैस मुसलिम दुनिया से ख़रीदता है और आठ दिन का सटौक रखता है वह राईट विंग सोंच ले कर कभी कामयाब नही हो सकता है। यही वजह है हम लिखते थे Once more…..

Abdul Bari बेहतरीन पोस्ट .कुछ समझ में नही आ रहा है क्या कहे अभी भी छोटी छोटी चलाकिया । अब वोह वक्त चला गया जब फॉरेन पॉलिसी बंद कमरे में सारे प्रोटोकाल से होती थी जहा पर खाने से लेकर ग्लास पकड़ने तक की ट्रेनिग दी जाती रही लेकिन पिछले कुछ सालों से यह सब बहुत पीछे छूट गया अब बात front to front हो रही है ।जय शंकर साहेब अभी भी चीन,रशिया,अमेरिका और मिडिल ईस्ट को रीड नही कर पा रहे है । ऐक क्वाड से दिल नही भरा क्वाड –2 में कूद गए।

  • Syed Abid Naqvi, Abdul Bari भाई जयशंकर साहब खेल सही खेल रहे हैं लेकिन जो वो सोच रहे हैं वो बहुत दूर की कौड़ी है, लेकिन भारत के हक़ में कुछ तो अच्छा किया है, UAE ने एक तरह से कश्मीर को भारत का अटूट अंग मान लिया है, इन्वेस्ट करेगा ऐसी उम्मीद नहीं है हालांकि भरोसा तो दिया है।
  • Javed Hasan, Syed Abid Naqvi सर भरोसा तो डॉ मनमोहन सिंह और 2015 में मोदी जी को भी दिया था आया कितना?

Misbah Siddiki हालत ये है कि हमारी ज़रूरत की दवाओं का कमोबेश 80% कच्चा माल(एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट्स यानी ) चीन से आता है हद तो ये है कि दर्द बुख़ार की दवा पैरासीटामोल का एपीआई चीन से ही ख़रीदा जाता है।हम अपना कुल आयरन ओर का 90 फ़ीसद चीन को बेचकर पैसे कमाते हैं और उसी पैसे से महंगे रेट पर स्टील रोल और बार्स ख़रीदते हैं। हम सस्ता बेच (निर्यात) कर हाई वैल्यू हेवी मैन्युफैक्चरिंग गुड्स ख़रीदते(आयात करते) हैं। आयरन ओर की तरह ऑर्गेनिक केमिकल इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट में खेल है। हम चीन को ऑर्गेनिक केमिकल्स बेचते हैं और चीन से दवाओं के लिए एपीआई ख़रीदते हैं।उधर गलवान से लेकर लद्दाख तक चीन नापाक हरकतें कर रहा था इधर 2021 की पहली छमाही में 2020 के मुक़ाबले कुल 62 फ़ीसदी इज़ाफ़े के साथ आयात कर रहे थे।

  • Mohammed Seemab Zaman जनाब, आर्यन ओर भी चीन अब अफ्रिका से ले रहा है, हम तो जमशेदपुर को दंगा करा कर बंद कराना चाहते थे ताकि हिन्दी नाम वाले व्यवसाई विश्वगुरू बने। एक नाम बताईये जो कामयाब व्यवसाई बना हो।माल्या और नरेश गोयल को हवाई जहाज खोलवाया ताकि एयर इंडिया दें मगर सब भाग गया और झक मार कर टाटा को फ्री मे दे दिया। अब LIC का हशर देखये गा।

Sayed Shaad Despite Galwan, onging India-China border tension India’s trade with china has crossed $ 100 billion. माशाल्लाहवाह भारत माता की जयकारा लगाने वालों फ़र्ज़ी देशभक्तों… मोदी जी का 5 ट्रिलियन वाला आत्मनिर्भर भारत ऐसे ही बनेगा।

  • Mohammed Seemab Zaman देखभक्त कौन है जनाब? सब जयकारा लगाने वाला का पोल खोल गया। आधा तो भाग गया। झक मार कर फ्री मे टाटा को एयर लाईंस दे दिया जिस का जमशेदपुर जलाते रहे।

Shalini Rai Rajput जब तक केंद्र में कांग्रेस रही सत्ता में आने के लिए चाईनीज सामान के बहिष्कार करने का प्रचार करते थे, अब झांकी में चीन साथ जबकि तब तक गलवान , ब्रह्मपुत्र भी नहीं हुआ था.

  • Mohammed Seemab Zaman कांग्रेस को कोसते रहे और खुद चीन का तुष्टिकरण करते रहे। यह लोग 2011 से चीन जा रहे है। क्या इन लोग ऑख मे पट्टी लगा कर चीन जाते रहे, नजर नही आ रहा था चीन की तरक्की। हाल हाल तक आसाम मे दंगा करते रहे क्या इन को बर्हमपुत्रा का बॉध का पता नही था। अगर नही था तो चीन मे दूतावास बंद कर दें।

Jamshed Jamshed भारत अभी अपना पुराना गौरव प्राप्त करने की ओर अग्रसर है…बहुत जल्द दुनिया एक बार फिर भारत को सपेरों का देश, मोर के आंसू, बत्तख़ से आक्सीजन, शिवाम्बू चिकित्सा…आदि आदि के लिए याद करेगी…इससे भारत का प्राचीन गौरव एक बार फिर विश्व पटल पर स्थापित होगा…एक धक्का और दो…”विष” गुरु बनाकर छोड़ दो…

Anwar Hussain अपने बिल्कुल सटीक लिखा है वैसे बांग्लादेश ने बेहतरीन कार्य किया दंगे को तुरंत काबू में कर लिया और सेना लगा दी इसका मतलब यह हुआ कि बांग्लादेश अपने विकास में किसी भी तरह का बाधा नहीं आने देना चाहता यहां तो सरकार ही स्पॉन्सर्ड कर रही है दंगो को दूसरी तरफ चाइना का एप्लीकेशन बंद करके चाइना को सबक सिखा रहे थे और इधर व्यापार इतना बढा लिया कि पूछो मत, आपने बिल्कुल सही कहा आज हम चाइना पर निर्भर हो गए है

Ashutosh Chandra Thakur वाकई शानदार पोस्ट है ये सर । सबसे बेहतरीन मुझे लास्ट लाइन लगा की राम जी के दिवाली उत्सव के लिए चीन से ओम लिखा हुआ लालटेन आ रहा है.

Sandeep Solanki श्रीमान जी मुझे लगता है की देश के ये बुद्धिजीवी ही देश का बेड़ा ग्रक करके छोड़ेंगे ……..झूठे वादे और झूठे सपनों का बुलबुला जब फूटेगा तब तक बहुत देर हो चूंकि होगी 🙄