खबर है कि चीन (Shenzhen) और सऊदी अरब (Tadawul) के स्टॉक एक्सचेंज अपने Exchange Traded Fund (ETF) को एक-दूसरे के शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की अनुमति देने के लिए बातचीत कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मज़बूत हो।
एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) की क्रॉस-लिस्टिंग से चीन और सऊदी अरब के निवेशक एक-दूसरे के स्टॉक एक्सचेंजों पर स्टॉक या बॉन्ड इंडेक्स वाले फंडों का ख़रीद बिक्री कर सके गें।
मार्च में, सऊदी तेल कम्पनी Aramco ने चीन में एक पेट्रोकेमिकल समूह में हिस्सेदारी हासिल करके चीन में अपने अरबों डॉलर के निवेश को बढ़ाया और अब स्टाक एक्सचेंज से Financial integration की ओर बढ़ रहा है।
चीन की $257 billion की 886 ETF हांगकांग के बाजारों में सूचीबद्ध हैं। चीन ने हाल के वर्षों में हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में ऑफशोर स्टॉक एक्सचेंजों के साथ “ETF Connect” परियोजनाएं शुरू की हैं।
सऊदी अरब के एक्सचेंज तदावूल $2.7 trillion पूंजीकरण के साथ उभरते बाजारों में सबसे बड़े शेयर बाजारों में से एक है।सऊदी एक्सचेंज मे 8 ETF सूचीबद्ध है जिस मे अरबी इक्विटी, बांड, सोना और अमेरिकी इक्विटी है।
#नोट: आज सऊदी अरब में चीन, यूरोप, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और अमेरिका के 40 राजनयिक “रूस-यूक्रेन शांति सम्मेलन” में भाग लेने पहुँचे है।इन में से चीन, भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और तेल उत्पादक देश यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन और रूस दोनों के साथ अच्छे संबंध बनाए हुए है।
सऊदी अरब ने कहा है कि इस सम्मेलन के बाद वह एक “World Peace Summit” करें गा ताकि दुनिया में शांति स्थापित हो और 75 साल के फैले आतंक का अन्त हो।