चीन के कम्यूनिस्ट पार्टी का 20 वॉ कांग्रेस ख़त्म हुआ और शी जिंपिंग दुनिया मे ताक़तवर नेता के रूप मे देखे जाने लगे।अब हम लोग अगले पॉच साल मे सौ साल पुराने दुनिया के नेजाम को बदलते देखें गें।

ग़ौर करने की बात है कि 20वे कांग्रेस मे चीन ने पिछले दो कांग्रेस की तरह “reforms & development” की बात नहीं दोहराई बलकि इस बार “#security” तथा “#technological_development” की बात कही।

यानि चीन अगले पॉच साल “सैन्य शक्ति” तथा “टेकलौजी के आविष्कार” पर काम करे गा।चीन अभी अपने GDP का 2.8% technological invention पर ख़र्च करता है और अमेरिका 3% खर्च करता है।

चीन 1980 मे World Bank का सदस्य बना और आज चीन अकेले दो IMF/ World Bank का मालिक बन बैठा। चीन ने 2015 मे Asian Infrastructure Investment Bank (#AIIA) बनाया जो आज दुनिया मे $36.43 billion निवेश कर 190 प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।अभी China Development Bank दुनिया मे 2013-18 तक $190 billion लोन दे कर बेल्ट और रोड (BRI) के 600 प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।

सऊदी अरब मे जनवरी 2015 में शाह सलमान के बादशाह बनने के बाद पिछले सात साल मे मिडिल ईस्ट तथा तुर्किया मे अद्भुत बदलाव और विकास हुआ है।इसतांबूल तथा सऊदी का Neom शहर दुनिया का नया आर्थिक केन्द्र बने गा, लंदन का बर्चस्व ख़त्म हो गा।सऊदी अरब दुनिया का पहला “Logistic Centre” बनाये गा जहाँ से एशिया, यूरोप, अफ्रिका का सामान आये गा और जाये गा जैसे भारत मे मोग़ल साम्राज्य के समय गुजरात का सूरत बंदरगाह था।

यूऐई Entrepreneurs’ hub होगा।दुनिया की हर कम्पनी का यहॉ कार्याल्य हो गा, दुनिया की अच्छा विश्वविघालय होगा आदि इत्यादि।

#नोट: “जब चाइना सुपर पॉवर बनने की तरफ़ तेज़ी से दौड़ रहा था, तब एक देश अपनी सुप्रीम कोर्ट और बाक़ी सभी इदारों के साथ मिलकर बाबर को वो जंग हराने के लिए लड़ रहा था जिस जंग को जीतना बाबर को दूसरी बार जीत दिलवाना था।500 साल बाद भी बाबर की जीत जारी है…”
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman हमारे कथित बुद्धिजिवी तथा सौ साल की सोंच को बदलना होगा, अंधे हो गये दिल मे रौशनी लानी हो गी…अमृत काल मे भारत को अपनी अपनी आजादी के बाद के नाम-पता बदल कर मुग़लों और अंग्रेज़ों का इतिहास बदलना बंद करना होगा, अच्छा नेता पैदा करना होगा, काशी-मथुरा भूलना होगा, 22 प्रतिज्ञा को भटकने से रोकना होगा, दंगा कर GDP जलाना बंद करना होगा। भारत को हर हाल मे अपना overhauling करना ही होगा।

  • Saurabh Prasad, Mohammed Seemab Zaman जी ओवरहॉलिंग फिलहाल तो नहीं दिखता।भारत का भविष्य क्या होगा अगर वर्तमान चीजें न रुकीं तो??सवर्ण वर्ग को दिक्कत नहीं है मोदी सरकार से , आरएसएस से।असली दिक्कत फर्जी हिन्दू बने और हिंदुत्व के नशे में अघाये हुए पिछड़े, दलितों, आदिवासियों को है। मुसलमान, ईसाई , बौद्ध को है।अलग अलग सब को प्रताड़ित किया जा रहा है।

Sanjay Nagtilak एक महाशय ने कहा था, जिस के पास टेक्नॉलॉजी समझने का दिमाग नहीं हैं, हम उनको जिंदा रखने के लिए कब तक खाना खिलाएंगे? डॉलर की बराबरी करने के लिए भारत के नेता नोट पर देवी देवताओं की फोटो छापना चाहते हैं. उनको पता पता नहीं हैं इंडोनेशिया की नोटों पर जो गणेश लक्ष्मी की फोटो हैं उसका मूल्य डॉलर के मुकाबले कितना हैं?
कही पे निगाहे कही पर निशाणा….पहले से लोगों को मारे का प्लान बनाया हैं, अब इस देश को कोई नहीं बचा सकता.

  • Mohammed Seemab Zaman, Sanjay Nagtilak साहेब, नोट वाली बात कह कर “धुर्वीकरण” कर अपने को जिंदा रखने वाली हरकत एक IIT का Engineer कर रहा है। इसी से हम इन लोगो को कुऑ का मेंढक लिखते हैं। यह संघीतकार है, इन लोगो से देश विश्वगुरू नही बने गा।

Neeraj Singh आपके ऋषि सुनक को बरतानिया हुकूमत की गद्दी मिल चुकी है। पर मुझे तो उसका इस पद पर भविष्य ज्यादा उज्जवल नजर नहीं आ रहा है। वैसे केजरीवाल गुजराती गैंग को अच्छी चुनौती दे रहा है। पर उसकी भी सोच का नियंत्रण संघ के हिसाब से है। अब देश को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता

  • Mohammed Seemab Zaman सुनक को गद्दी मिलने से ब्रितानीया का कुछ भला नही होगा। बस खुशी की बात यह है कि एक भारतीय बरतानीया का प्रधानमंत्री बन गया।सुनक के बनने से अभी stability आ गई, मगर मेरा मानना है कि सुनक आर्थिक तौर पर कामयाब नही होंगें। सुनक के बनने से अभी stability आ गई, मगर मेरा मानना है कि सुनक आर्थिक तौर पर कामयाब नही होंगें। यही कारण है कि इस मे हम ने एक लाईन लिखा है कि “अब लंदन दुनिया का Financial Centre नही रहे गा” यह सुनाक के समय ख़त्म होगा, जिस की कई वजह होगी।
  • Neeraj Singh, Mohammed Seemab Zaman सर इस बात के चांसेज ज्यादा है कि सुनक का हस्र भी लिज़ जैसा ही हो।

Salim Khan इतिहास सदा पिछली गलतियों से सबक लेकर आगे भविष्य में उन गलतियों से बचने के लिए होता है नाकि उन गलतियों को दोहराकर उनके इर्दगिर्द घूमकर समाज को फिर से उन्हीं तबाहियों में नुमाया करने के लिए जैसा कि प्रायः देखा जा रहा है हम आगे तो ना के बराबर मगर वापसी की दौड़ बड़े बेढंगे तरीके से दौड़े जा रहे हैं और यही 100 साला सोंच की मोच है जो हमारे कदम बढ़ने तो क्या चलने भी नहीं दे रही है.

Akhilesh Shah बहुत ही उम्दा विश्लेषण

  • Mohammed Seemab Zaman इस मे बहुत सी बात हम ने नही लिखी है क्योकि पोस्ट बडा हो जाता। 1980 मे चीन के कम्यूनिस्ट पार्टी मे अंग्रेजी जाने वाला नही था जो World Bank का चीन का सदस्य बनता। मगर एक Li नाम के आदमी ने BBC English news सून कर अंग्रेजी बोलना शुरू किया और World Bank का चीन का सदस्य बना, और वही Li AIIB 2015 मे खुला तो Chairman बना और आज तक है।

Mir Talib Ali बिल्कुल बाबर की जीत जारी है.

  • Mohammed Seemab Zaman देख रहे हैं, यह आज की खबर है कि MBS पॉच Regional Investment Bank $24 billion मे खोल रहे हैं। यह सब बैंक का मिडिल ईस्ट का देश सदस्य बने गा और एशिया, अफ्रिका मे invest करे गा और power balance बदले गा।

Kamal Siddiqui एक और शानदार पोस्ट सर, सर आपकी बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूं लेकिन क्या सौ साल की सोच वाले लोग इतनी आसानी से अपने अंदर बदलाव लाएंगे। अगर लायेंगे तो सबसे ज्यादा बहुसंख्यक समाज का जो नुकसान हुआ है उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।

  • Mohammed Seemab Zaman Kamal Siddiqui साहेब, झक मार के सौ साल की सोंच अगले दस साल मे बदले गी। सौ साल की सोच का सारा पोल खुल गया कि वह confused intellectuals का रेवड है। Thanks to Faisal Mohammad Ali साहेब जिन्होने 66 साल से पढे जाने वाले 5 प्रतिज्ञया को हम लोगो को बताया। आज तक क्या आप या हम या majority of Hindus यह बात जानते थे? हम तो नही जानते थे।
  • Kamal Siddiqui नहीं जानते थे सर.

Hisamuddin Khan मलिक फैसल से कजजाफी तक करीब एक दर्जन छोटे बडे लीडर अमेरिका और डालर को चैलेंज करने की वजह से कत्ल किये गये। इराक, शाम और लीबिया को बर्बाद किया गया। कुवैत और सऊदी अरब वगैरह को दसियों बरस ईरान ईराक जंग और फिर गल्फ वार और अब यमन के हूती मुद्दे मे उलझा कर निचोड़ा गया। फिर भी कोशिश करते रहना ईमान वालों का काम है।अललाह कामयाब करे, आमीन।

  • Mohammed Seemab Zaman फैसल के ही मडर ने तो 1923 के बाद दुनिया बदली। अब जिस का आखरी सानेहा Fall of Kabul है। अब अगले साल से सब बदला बदला सब को नज़र आ जाये गा। यकीन मानये बम लोगो ने बहुत कुछ चालीस साल मे देख लिया। आज के लड़कों को बदली दुनिया का फ़र्क़ पता नही चले गा मगर हम लोगो ने देखा। याद है न रूस के जेनरल या दूसरे जब भारत आते थे तो ऐसा लगता था यह सोवियत संघ ही दुनिया है, आज देखये क्या हशर हो गया।
  • Hisamuddin Khan, Mohammed Seemab Zaman मै इंदिरा गांधी की उस रैली मे गया था जो भारत और रूस के मैत्री समझौते पर बुलाई गई थी जिसमे सोवियत सदर भी मौजूद थे और जिसके बाद बंग्लादेश बनना सम्भव हो सका।मुझको खरोशचीफ का यू एन की टेबिल पर जूता रखना भी याद है और क्यूबा का मिसाइल क्राइसिस भी। अमेरिका सुपर पावर जरूर था मगर रूस से सीधा टकराने से भागता था।
  • Mohammed Seemab Zaman, Hisamuddin Khan साहेब, “अमेरिका सुपर पावर था मगर रूस से सीधा टकराने से भागता था” क्या सच्चाई लिखा है, जो आज भी सही है।इसी पर तो हम ज्यायुलहक़ के बारे में कहते हैं वह उमत का वली था जो सऊदी से मिल कर उस रूस से टकराने को तैयार हो गया जिस से अमेरिका डरता था और रूस का प्राखचा उड़ा दिया। शायद पाकिस्तान इसी communism को दुनिया से ख़त्म करने के लिए ऊपर वाले ने बनवाया।पुटिन इस बारीकी को समझता है।
  • Hisamuddin Khan, Mohammed Seemab Zaman जी मोहतरम, वो तो मामला अजीब था और सोच भी अजीम थी मगर अफसोस , शायद अललाह को मंजूर नही था
    बे खतर कूद पडा आतिश ए नमरूद मे इश्क
    अक्ल है महवे तमाशा लबे बाम अभी
  • Mohammed Seemab Zaman
  • वाह, क्या बरजस्ता इक़बाल का शेर लिखा है। इस शेर की तफ़सीर मेरा वालिद साहेब ने लिखा है: “आतिश ए नमरूद से बातील की फैलाई हुई अज़ियतें मुराद हैं और इश्क से हज़रत इब्राहीम ए॰ स॰ का जज़्बा इश्क एलाही। इस शेर में इक़बाल ने इश्क़ और अक़्ल के बुनयादी फ़र्क़ को बताया है….”
Xi Jinping
MBS