नीचे देखये दो तस्वीर।एक मे आज तक टीवी कह रहा है 22 करोड आबादी वाला राज्य उप्र मे “जंग का एलान” और दूसरी तस्वीर मे लाल टोपी वाले समाजवादी नेता जो कभी भारत के रक्षा मंत्री थे वह खडे हैं।

2021 मे चीन के विदेशी मुद्रा का भंडार $3.25 trillion हो गया है।चीन के विदेश मंत्री हर साल के तरह इस साल भी जनवरी मे अफ्रिका के तीन देश सूमालिया, जीबुटी और इरिटेरिया गये और वहॉ रेड सी के सुरक्षा तथा शांति की बात किया ताकि Horn of Africa कहे जाने वाले इन तीनों देश से बेल्ट और रोड (BRI) द्वारा चीन का सामान सुरक्षित यूरोप जा सके।वापसी मे वह मालदीप और श्रीलंका भी गये।

भारत के विदेशी मुद्रा का भंडार तकरीबन $500 billion है जिस मे आधा विदेशी कर्ज है।कानपुर और लखनऊ मे जो मेट्रो उद्घाटन हो रहा है या बन रहा है वह यूरोपियन यूनियन के $1.2 billion के कर्ज से बन रहा है।इंजन और डब्बा सब जर्मनी से बन कर आ रहा है जबकि कभी दुनिया का सब से बडा रेलवे नेटवर्क भारत हुआ करता था। कभी सब से ज्यादा नौकरी दुनिया मे भारतीय रेल देता था।एशिया का सब से बडा रेलवे स्टेशन बिहार का सोनपुर रेलवे स्टेशन अंग्रेज बना कर गया था।

देखये 22 करोड आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के नेता की कोई आईडिलोजी नही है।समाजवादी नेता दक्षिणपंथी के गले लगते रहते हैं। किसी नेता या टीवी एंकर को यह फ़िक्र नही है कि चीन का 3400 km उत्तर भारत से सीमा लगता है और वह विस्तारवादी हो कर भारत के राज्य और गॉव का नाम-पता बदल रहा है।यही है बहुसंखयक नेताओ और मिडिया की देश के सुरक्षा और अखंडता की आस्था।

“पलिज़ वन्स मोर शहज़ादा ……” जब तक के उप्र के हर गॉव मे वोट और सांड की संख्या मुज़फ़्फ़रनगर के त्यागी गॉव के तरह 1300 वोट और 600 सांड न हो जाये और भारतीय सीमा मे लगे कंटीली तारों की तरह उत्तर प्रदेश के हर खेत मे फ़सल के रखवाली के लिए कंटीली तारें न लग जाऐं।